10 साल से अधूरा 45 मीटर चौड़ी नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण

-जीडीए कोवर्ष-2013 में मिली थीं मंजूरी, रोड लागत बढ़कर हुई 446.46 करोड़

गाजियाबाद। डासना से मधुबन-बापूधाम योजना होते हुए दिल्ली-मेरठ हाइवे एवं राजनगर एक्सटेंशन से भोपुरा तक लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए 45 मीटर चौड़ी नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण लगभग 10 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा इस नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण कराया जा रहा है। मगर जीडीए में फंडिंग की कमी और कई क्षेत्र में जमीन नहीं मिलने की वजह से इस रोड के पहले फेज का निर्माण भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया। जीडीए ने वर्ष-2005 में लोगों को शहर के जाम से बचाने के लिए आउटर रिंग रोड बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत नॉर्दन पेरीफेरल रोड (एनपीआर) का निर्माण कराने के लिए कंसलटेंट एजेंसी नियुक्त की गई। लेकिन इसकी आठ साल तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार नहीं हो सकी। इस रोड को वर्ष-2013 में मंजूरी मिल गई। लेकिन इस रोड का अब तक 30 फीसदी भी निर्माण पूरा नहीं हो पाया हैं। इस वजह से नॉर्दन पेरीफेरल रोड की लागत 440 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 466.46 करोड़ रुपए तक हो गई। इसके बाद भी रोड का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। एनपीआर और जोनल रोड का निर्माण होने में सबसे बड़ी दिक्कत फंड और जमीन की है। हालांकि जीडीए ने जहां पर जमीन उपलब्ध हुई वहां पर रोड का निर्माण पूरा कर लिया हैं।

राजनगर एक्सटेंशन में किसानों से जमीन खरीदकर होगा निर्माण
राजनगर एक्सटेंशन में नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण अब किसानों से जमीन खरीदकर हो सकेगा। शासन से फंड नहीं मिलने के बाद भी जीडीए ने अपने फंड से नेशनल हाइवे-9 से दिल्ली-मेरठ हाइवे तक करीब 6.40 किलोमीटर लंबाई में से एनपीआर का करीब 3.50 किलोमीटरर लंबी रोड का निर्माण करा दिया है। एनएच-9 से दिल्ली-मेरठ हाइवे तक 6.40 किलोमीटर लंबी रोड का 223.92 करोड़ से निर्माण होगा। जबकि दिल्ली-मेरठ हाइवे से राजनगर एक्सटेंशन होते हुए भोपुरा ओर लोनी की ओर 3.50 किलोमीटर रोड और 6.26 किलोमीटर लंबी राजनगर एक्सटेंशन आउटर रिंग रोड पर 242.54 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। शहर में वाहनों के बढ़ते दबाव और जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के उद्देश्य से नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण करने की प्लानिंग की गई थी। पहले एनएच-9 से दिल्ली-मेरठ हाइवे और फिर लोनी के टीला मोड़ तक इसका निर्माण किया जाना है। इससे वाहन शहर में अंदर प्रवेश करने की बजाए बाहर से ही लोनी से दिल्ली तक जा सकते थे। एनएच-9 से लोनी तक पहुंचने में दो घंटे लगते हैं। लेकिन इस रोड का निर्माण होने के बाद सिर्फ 45 मिनट ही लगेंगे। इससे शहर के हजारों लोगों को फायदा होगा।

नेशनल हाइवे-9 डासना से लोनी तक कुल 20 किलोमीटर लंबाई मेें 45 मीटर चौड़ी इस एनपीआर रोड का निर्माण होना है। तीन चरण में निर्मित होने वाली 45 मीटर चौड़ी इस एनपीआर का पहले चरण में राजनगर एक्सटेंशन से दिल्ली-मेरठ हाइवे दुहाई तक 3.50 किलोमीटर लंबाई में निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण कार्य जारी है,मगर यह निर्माण पूरा नहीं हो सका है।दूसरे चरण में दुहाई से एनएच-9 डासना तक 6.40 किलोमीटर लंबाई में रोड का निर्माण होगा। इसके बाद तीसरे चरण में राजनगर एक्सटेंशन से लोनी तक 10.10 किलोमीटर लंबाई में रोड का निर्माण किया जाएगा। इस पूरी रोड पर मधुबन-बापूधाम योजना में निर्माणाधीन आरओबी और डासना के पास रेलवे ओवर ब्रिज बनेगा। हालांकि इस रोड का ज्यादातर हिस्सा जमीन पर होगा। राजनगर एक्सटेंशन में एनपीआर रोड को जोडऩे के लिए जीडीए द्वारा एक जोनल रोड का भी निर्माण कराया जा रहा हैं।

नॉर्दन पेरीफेरल रोड के लिए शासन से की फंड की मांग
नेशनल हाइवे-9 डासना से लोनी के टीलामोड़ तक नॉर्दन पेरीफेरल रोड का निर्माण प्रस्तावित है। इस रोड के निर्माण के लिए शासन से फंड की मांग की जा रही है। करीब 466.46 करोड़ रुपए की लागत से इस पूरी रोड का निर्माण होगा। रोड का पहले चरण का निर्माण काफी हो चुकी है,कई जगह जमीन नहीं मिलने की वजह से काम रूका हुआ है।राजनगर एक्सटेंशन में किसानों से जल्द जमीन खरीदकर रोड का निर्माण पूरा कराया जाएगा।
मानवेंद्र कुमार सिंह
प्रभारी चीफ इंजीनियर, जीडीए।