अवैध निर्माण को लेकर जीडीए वीसी इन्द्र विक्रम सिंह हुए सख्त, अभियान चलाकर कार्रवाई करने के दिए निर्देश

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) सीमा क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से काटी जा रही अवैध कॉलोनी और अवैध निर्माण पर अब सख्त रुख अख्तियार किया है। साथ ही अधिकारियों को अवैध निर्माणों पर निगरानी रखते हुए संबंधित निर्माणकर्ता को चिह्नित कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। नवागत जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष इन्द्र विक्रम सिंह ने जीडीए के सभी प्रवर्तन जोन प्रभारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि बगैर नक्शा स्वीकृति के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। कोई भी अवैध कॉलोनी में अवैध निर्माण न होने दिया जाए। गुरुवार को जीडीए उपाध्यक्ष ने अपर सचिव एवं ओएसडी को निर्देश दिए कि अवैध निर्माण न होने दिए जाए। जीडीए ऑफिस में जनसुनवाई के दौरान उनके समक्ष भी कई मामले आए। उन्होंने प्रवर्तन जोन प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध निर्माण किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए प्रवर्तन जोन क्षेत्र में अवैध निर्माण पर निगरानी रखते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाए। इसके लिए निर्धारित रोस्टर बनाकर कार्रवाई की जाए।

जीडीए उपाध्यक्ष इन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि बगैर नक्शा पास कराए अवैध निर्माण किए जाने की जानकारी मिल रही है। ऐसे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने जीडीए के सभी 8 जोन क्षेत्र में अवैध निर्माण की सूची तैयार कर सभी जोन प्रभारियों को सख्ती से कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। ताकि अवैध निर्माण को रोका जा सके। दरअसल, जीडीए सीमा क्षेत्र में लगभग 380 अवैध कॉलोनी पहले ही चिन्हित की गई थी।

इसके सापेक्ष इनकी संख्या भी बढ़कर अब 450 से अधिक हो गई हैं। जीडीए की ओर से हालांकि जोन क्षेत्र में समय-समय पर अवैध निर्माण को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है। मगर फिर भी शहर में अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे है। जीडीए उपाध्यक्ष के समक्ष जीडीए प्रवर्तन जोन-6 इंदिरापुरम क्षेत्र के अलावा प्रवर्तन जोन-8 और प्रवर्तन जोन-3 क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण किए जाने की शिकायतें पहुंची। उन्होंने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए जोनल प्रभारियों को सख्ती से कार्रवाई के भी निर्देश दिए है ताकि अवैध निर्माण को रोका जा सकें।