आत्मनिर्भरता के मंत्र और अपनी परंपरा संस्कृति में छिपे सूत्रों की विद्यार्थी को दी जानकारी

-एस.डी.जी.आई. ग्लोबल यूनिवर्सिटी में सेमिनार का आयोजन

गाजियाबाद। डासना स्थित एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी में प्राचीन भारत के ज्ञान का उपयोग करके भविष्य को उज्जवल कैसे बनायें विषय पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आत्मनिर्भरता के मंत्र और अपनी परंपरा संस्कृति में छिपे सूत्रों से छात्र अपना भविष्य कैसे बना सकते हैं। साथ ही नौकरी के पीछे ना भागते हुए छात्र खुद उद्यमी कैसे बन सकते हैं। इस विषय पर एस.डी.जी.आई. ग्लोबल यूनिवर्सिटी में रविवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी और भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ एन.पी. सिंह रहे। छात्रों से अपने संवाद में डॉ एन.पी. सिंह ने कहा कि हमारे आसपास अवसरों की कमी नहीं है केवल अवसरों को पहचानने की जरूरत है।

मुख्य अतिथि डॉ एन.पी. सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति में निहित आत्मनिर्भरता के सिद्दांत को अगर समझ लिया जाए तो नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं और छात्र खुद ही अपने बलबूते अपना भविष्य बना सकते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के स्वागत से साथ हुआ। कार्यक्रम में सुंदरदीप के डायरेक्टर जनरल जमील अहमद की उपस्थिति रही। इसके अलावा रजिस्ट्रार पीयूष श्रीवास्तव, सी.आर.सी. के हेड अमित भारद्वाज के अलावा सभी विभागों के डायरेक्टर, एच.ओ.डी. और फैकल्टी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सुन्दर दीप ग्रुप के चेयरमैन महेन्द्र अग्रवाल, वाइस चेयरमैन अखिल अग्रवाल, एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो (डॉ) आरके खंडाल, वाइस चांसलर प्रो (डॉ) शक्ति कुमार, रजिस्ट्रार  पीयूष श्रीवास्तव ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।