टेंडर देने के आरोप में लोनी ईओ की बढ़ी मुश्किलें, जांच शुरु

-नियमों को ताक पर रखकर चहेते ठेकदार को दे दिया करोड़ो का ठेगा

गाजियाबाद। लोनी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की मेरठ के चहेते ठेकेदार को नियमों को ताक पर रखकर टेंडर दिए जाने के मामले में अब मुश्किलें बढ़ सकती है।
प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जहां जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है। वहीं, लोनी नगर पालिका परिषद में एक बार फिर चहेते ठेकेदार को तीन करोड़ रुपए का ठेका देने का आरोप लगा है। लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से मामले की शिकायत की है। जिलाधिकारी ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दी हैं।

खास बात यह है कि लोनी नगर पालिका परिषद में तैनात अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह यहां से पहले दौराला नगर पालिका परिषद में ईओ तैनात थे। यह वहां पर भी विवादों में रहे है। फोन न उठाना और लोनी में व्याप्त समस्याएं होने के बाद भी यह अनसुना कर देते है। लोनी में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 100 ई-रिक्शे, 27 टीपर,चार डंफर की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया। यह टेंडर मैसर्स शुभान इंटरप्राइजेज फर्म को दिया गया। आरोप है कि फर्म की हैसियत 11 लाख रुपए से कम थी। जबकि उसे तीन करोड़ रुपए से अधिक का टेंडर दिया गया।

शिकायतकर्ता का दावा है कि अधिशासी अधिकारी लोनी से पहले दौराला समेत जिन निकायों में तैनात रहे है। इसी फर्म को टेंडर दिया गया। विधायक ने प्रेषित पत्र में इस मामले की जांच कराने और टेंडर निरस्त कराकर नए टेंडर कराने की मांग की हैं। वहीं, ईओ शैलेंद्र सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसके सीडीओ अध्यक्ष है, कमेटी की परमीशन लेने के बाद टेंडर दिया गया। यह दो साल पहले का है। जैम पोर्टल के जरिए टेंडर हुआ। पांच फर्म ने प्रतिभाग किया था। इसके आधार पर कम रेट पर चयनित फर्म को टेंडर दिया गया। इसमें भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप निराधार हैं।