महेंद्र सिंह तंवर में है दम गाजियाबाद को बनाया नंबर-1

सिर्फ स्वच्छता ही नहीं शहर के विकास से संबंधित अन्य मामलों में भी महेंद्र सिंह तंवर ने शानदार काम किया। आज सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में स्वच्छता के गाजियाबाद मॉडल की चर्चा हो रही है। जम्मू, चंडीगढ़, इंदौर सहित देश के कई अन्य नगर निगम की टीम गाजियाबाद के कूड़ा प्रबंधन मॉडल की जानकारी लेने के लिए गाजियाबाद आ रही है। गजब गाजियाबाद मॉडल को प्रदेश सरकार ने सभी शहरों में लागू करने को लेकर निर्देश दिया। महेंद्र सिंह तंवर ने अपने कामों से दिखाया कि किस तरह सीमित संसाधन में भी दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते बड़े कामों को किया जा सकता है। महेंद्र सिंह तंवर ने गाजियाबाद को आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाने का भी मॉडल तैयार किया है। जिसके परिणाम हमें आने वाले वर्षों में देखने को मिलेगा।

विजय मिश्रा
(उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। स्वच्छता के मामले में गाजियाबाद के प्रदर्शन से शहरवासी बेहद खुश हैं। सभी लोग एक दूसरे को इस सफलता के लिए बधाई दे रहे हैं। इन्हीं सबके बीच सबसे अधिक चर्चा गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की हो रही है। लोग गाजियाबाद की सफलता का श्रेय तंवर को दे रहे हैं। शहरवासियों का कहना है कि गाजियाबाद के नगर आयुक्त बनने के बाद महेंद्र सिंह तंवर ने जो कहा था वह कर दिखाया। सिर्फ स्वच्छता ही नहीं शहर के विकास से संबंधित अन्य मामलों में भी महेंद्र सिंह तंवर ने शानदार काम किया। आज सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में स्वच्छता के गाजियाबाद मॉडल की चर्चा हो रही है। जम्मू, चंडीगढ़, इंदौर सहित देश के कई अन्य नगर निगम की टीम गाजियाबाद के कूड़ा प्रबंधन मॉडल की जानकारी लेने के लिए गाजियाबाद आ रही है। गजब गाजियाबाद मॉडल को प्रदेश सरकार ने सभी शहरों में लागू करने को लेकर निर्देश दिया।

महेंद्र सिंह तंवर ने अपने कामों से दिखाया कि किस तरह सीमित संसाधन में भी दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते बड़े कामों को किया जा सकता है। महेंद्र सिंह तंवर ने गाजियाबाद को आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाने का भी मॉडल तैयार किया है। जिसके परिणाम हमें आने वाले वर्षों में देखने को मिलेगा। कोरोना संकट के दौरान नगर आयुक्त ने ऑक्सीजन प्रबंधन और अस्पतालों में बेड मैनेजमेंट को लेकर जो काम किया उससे हजारों लोगों की जान बची और गाजियाबाद ऑक्सीजन प्रबंधन मॉडल को पूरे यूपी में लागू किया गया। नगर आयुक्त के रूप में महेंद्र सिंह तंवर ने नगर निगम को एक विजन दिया कि किस तरह से काम किया जाये तो बेहतर परिणाम मिलेंगे। कूड़ा निस्तारण के लिए जीरो वेस्ट नीति के तहत बनाये गये गार्बेज फैक्ट्री की सरहाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं की। मुख्यमंत्री ने इसी तरह सभी शहरों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था लागू करने को कहा।

गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त ने एक-एक कर शहर में सड़क पर बने 75 कूड़ाघर खत्म कराए। दो गार्बेज फैक्ट्री भी उनके कार्यकाल में कूड़ा निस्तारण के लिए बनाई गई। तालाबों की सफाई और सड़कों से धूल हटाने के लिए थैले में धूल भरने का अभियान भी उनके कार्यकाल में चला। महेंद्र सिंह तंवर की कड़ी मेहनत और योजनाबद्ध तरीके से किये गये कामों का परिणाम है कि गाजियाबाद आज प्रदेश में नंबर-1 बना है और पूरे देश में टॉप-13 में अपनी जगह बनाई है। गाजियाबाद को थ्री स्टार रेटिंग मिली है और ओडीएफ प्लस, प्लस घोषित किया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जो भी मानक बनाये गये थे सभी मानकों पर गाजियाबाद खरा उतार।

गाजियाबाद ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छता की स्थिति जांचने को लेकर बनाये गये सभी 13 पैरामीटर में 75 फीसद से अधिक अंक हासिल किया। जबकि 6 पैरामीटर में गाजियाबाद का स्कोर 90 फीसद से अधिक रहा। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, सड़कों की सफाई, तालाबों की सफाई, रिहायशी कॉलोनियों की साफ सफाई, मार्केट एरिया की साफ सफाई, रिहायशी क्षेत्रों में सड़कों की पानी से धुलाई और प्रतिदिन रिहायसी क्षेत्रों में स्वीपिंग के मामले में गाजियाबाद को 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं। जन शिकायतों के निस्तारण में तीव्रता, शहर के सौंदर्यीकरण, नालों की सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, खुले में कूड़ा डंप न करने के मामले में  गाजियाबाद को 75 प्रतिशत से अधिक स्कोर किया है। यानी स्वच्छता सर्वेक्षण के सभी पैमाने पर गाजियाबाद ने स्टार परफार्मेंस दिया है।