आईआईए डेलिगेशन की जीएसटी एवं एमएसएमई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक

-अप्रैल से राज्य जीएसटी विभाग द्वारा उद्यमियों को दिए जाने वाले नोटिसों के लिए वर्चुअल (ऑनलाइन) व्यवस्था होगी लागू होगी
-बैठक में आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने उठाया लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने का मुद्दा

लखनऊ/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आईआईए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल की अगुवाई में आईआईए डेलिगेशन की प्रदेश में जीएसटी एवं एमएसएमई विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक सार्थक हुई। राज्य जीएसटी विभाग द्वारा उद्योगों में सर्च अभियान के दौरान फैक्ट्री को सील नहीं किया जा सकता। अप्रैल से उत्तर प्रदेश राज्य जीएसटी विभाग द्वारा उद्यमियों को दिए जाने वाले नोटिसों के लिए वर्चुअल (ऑनलाइन) व्यवस्था लागू होगी। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आईआईए जो उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों की सबसे बड़ी एसोसिएशन है, के प्रतिनिधिमंडल की प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा एवं जीएसटी एवं एमएसएमई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। आईआईए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल द्वारा किया गया। जिसमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल, आईआईए जीएसटी कमेटी के चेयरमैन, शशांक शेखर भी शामिल थे।

सरकार की ओर से मुख्य सचिव के अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव, राज्य कर नितिन रमेश गोकर्ण, अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, सचिव, एमएसएमई प्रांजल यादव, कमिश्नर एवं डायरेक्टर इंडस्ट्रीज, राजेश कुमार और राज कमल यादव, आईएएस भी बैठक में शामिल थे। यह बैठक आईआईए द्वारा प्रदेश सरकार को राज्य जीएसटी विभाग से संबंधित अनेक समस्याओं पर रिप्रजेंटेशन के समाधान के लिए आयोजित की गई। जिसमें मुख्य समस्याएं मोबाइल स्क्वाड द्वारा उद्यमियों के वाहनों को अनावश्यक रूप से रोका जाना और भारी जुर्माना लगाया जाना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा निकाले गये सूचना के आधार पर छोटी-छोटी कीमत की अनियमितता पर भारी संख्या में उद्यमियों को नोटिस दिया जाना, विभाग द्वारा उद्यमियों को दिए जाने वाले नोटिसों के लिए इनकम टैक्स की तरह वर्चुअल व्यवस्था का ना लागू होना और राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारियों द्वारा फैक्ट्रियों में सर्च अभियान के दौरान फैक्ट्रियों को सील करने की कार्यवाही इत्यादि शामिल थी।

आईआईए द्वारा रखी गई उपरोक्त समस्याओं के सम्बन्ध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, अपर मुख्य सचिव राज्य कर एवं अपर मुख्य सचिव एमएसएमई द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण व्यवस्थाऐं/सूचनाएँ प्रदान की गई। राज्य जीएसटी विभाग द्वारा फैक्ट्रियों में सर्च अभियान के दौरान राज्य कर नियमों में फैक्ट्री को सील करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि विभाग की कोई भी टीम फैक्ट्री को सील करती है अथवा नोटिस देती है, तो आईआईए इसकी सूचना राज्य कर विभाग को प्रदान करेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से जो सूचना विभाग द्वारा प्राप्त की जा रही है, उसके आधार पर धनराशि रूपये 5000 से कम की अनियमितता के लिए उद्यमियों को नोटिस जारी नहीं किए जाएंगे। 1 अप्रैल 2024 से आईआईए की मांग के अनुसार उद्यमियों को राज्य कर विभाग द्वारा दिए जा रहे नोटिसों की सुनवाई वर्चुअल तरीके से ही होगी। जैसा केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। इससे उद्यमियों को राज्य कर विभाग के दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगें।

मुख्य सचिव न बताया कि राज्य कर विभाग के किसी भी अधिकारी की एक स्थान पर तैनाती 4 वर्ष से अधिक समय के लिए नहीं की जाएगी। इस निर्णय का पालन प्रारंभ कर दिया गया है। मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव ने आईआईए डेलिगेशन को बताया कि राज्य में सरकार का जीएसटी का कलेक्शन बढ़ाने का उद्देश्य अवश्य है, परंतु इससे उद्यमियों का उत्पीड़न ना हो उसे भी सरकार सुनिश्चित करेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए नीरज सिंघल ने बैठक में कहा कि आईआईए भी प्रदेश के टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी का भरपूर समर्थन करता है, जो प्रदेश में उद्योग और व्यापार बढ़ाने से ही संभव होगा, परंतु सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ईमानदार उद्यमियों और व्यवसाईयों को प्रोत्साहन मिले और किसी भी सूरत में उनका उत्पीड़न ना हो और छोटी-छोटी गलतियां जिनसे राजस्व प्रभावित न होता हो के लिए उन्हें परेशान ना किया जाए, बल्कि उन गलतियों को सुधारने में उद्यमी का सहयोग किया जाये, जिससे भविष्य में उद्यमी नियमों का ठीक ढंग से अनुपालन कर सके।

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को उन मुद्दों के प्रत्यावेदन भी दिए जो 30 नवंबर 2023 को उद्यमी महासम्मेलन में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था, जिसमें लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने का मुद्दा भी शामिल है। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के साथ उपरोक्त बैठक के बाद विस्तृत वार्ता के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल के नेतृत्व में आईआईए डेलिगेशन की अपर मुख्य सचिव, राज्य कर, नितिन गोकर्ण और कमिश्नर राज्य कर, मिनिस्ती एस. से एक बार फिर मीटिंग हुई, जिसमें अधिकारियों ने आईआईए द्वारा किये जा रहे अच्छे कार्यों को सराहा गया और आश्वासन दिया कि आईआईए को समस्या समाधान के लिए राज्य कर विभाग के अधिकारियों द्वारा पर्याप्त समय दिया जाता रहेगा।