बेटियों का भी बेटों की तरह करें अच्छे से लालन-पालन: सीएमओ

-राष्ट्रीय बालिका दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता रैली निकाली

गाजियाबाद। राष्टद्यीय बालिका दिवस के मौके पर जनपद में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने जिला एमएमजी चिकित्सालय से हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। उन्होंने समाज में बेटियों के गिरते अनुपात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा यह गंभीर विषय है और समय रहते इसके प्रति सजग होने की जरूरत है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 से हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों और उनके द्वारा के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा बेटियों के प्रति सकारात्मक रुख और उनके लालन-पालन में मदद करने के लिए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत दूसरा बच्चा बालिका होने पर एक मुश्त छह हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। एक अप्रैल, 2022 के बाद दूसरे बच्चे के रूप में बालिका को जन्म देने वाली मां यह लाभ प्राप्त करने के लिए अपना पंजीकरण करा सकती हैं। उन्होंने कहा बेटियों का भी बेटों की तरह अच्छे से लालन- पालन करें, बेटियां हैं तो भविष्य है। कंपोजिट विद्यालय, डासना गेट की छात्राओं ने जिला एमएमजी चिकित्सालय से नवयुग मार्केट स्थित अंबेडकर पार्क तक जागरूकता रैली निकालकर गर्भ में पल रही बेटियों की सुरक्षा का संदेश आम जनमानस को दिया।

पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. चरण सिंह ने रैली के शुभारंभ अवसर पर बताया एक हजार बेटों के मुकाबले जनपद में बेटियों की संख्या 942 है, सूबे की बात करें तो 941 और देश में यह संख्या मात्र 929 है। बेटे- बेटियों का बिगड़ता अनुपात चिंता का विषय है। कार्यक्रम के दौरान एसीएमओ डा. अमित विक्रम, डिप्टी सीएमओ डॉ. रविंद्र, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (जिला एमएमजी चिकित्सालय) डा. मनोज चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (संयुक्त जिला चिकित्सालय) डा. विनोद पांडेय, डा. शिवि अग्रवाल, डा. सुरुचि सैनी और जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा के साथ ही स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ मौजूद रहा। उन्होंने इस मौके पर एक कविता के रूप में ईश्वर से प्रार्थना की।