गौतम पब्लिक स्कूल एवं स्नेह रोशनी शिक्षा द्वारा विज्ञान कार्यशाला का आयोजन

-पृथ्वी गृह को सुरक्षित व स्वच्छ रखना सभी की नैतिक जिम्मेदारी: आशीष गौतम
-सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरण संरक्षण का लें संकल्प: पूनम गौतम
-प्रतियोगिता में बच्चों ने उकेरी पर्यावरण संरक्षण का संदेश

गाजियाबाद। जब तक धरती सुरक्षित है इंसानी जीवन सुरक्षित है। ऐसे में लोगों को पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए जिससे लोगों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिल सके। उक्त बातें मंगलवार को गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रताप विहार एवं स्नेह रोशनी शिक्षा व सामाजिक संस्था द्वारा विद्यालय में आयोजित विज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए स्कूल के डायरेक्टर आशीष गौतम ने कहीं। उन्होंने कहा जिस ग्रह पृथ्वी पर हम रहते हैं, उसे स्वच्छ रखना और उसे बचाना हमारा कर्तव्य है। इस पर सदा जीवन बना रहे, पानी समाप्त न हो, पर्यावरण शुद्ध हो, ग्लोबल वार्मिंग न हो, यह नष्ट न हो, इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए। संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र नागर, महा सचिव रोहिणी गोले, स्कूल के डायरेक्टर आशीष गौतम, प्रधानाचार्या पूनम गौतम, उपप्रधानाचार्य तनुजा एवं एकेडमिक हेड ने संयुक्त रुप से विज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान पर कक्षा की सात की चंचल, द्वितीय स्थान पर कक्षा छ: के देवव्रत, तृतीय स्थान पर कक्षा सात के विधान, चौथे स्थान पर कक्षा सात के श्रद्धा, पांचवें स्थान पर कक्षा छ: के अक्षित पांडे को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया।

आयोजन का थीम पृथ्वी संरक्षण, संस्था द्वारा विज्ञान पर आधारित कई तरह की एक्टिविटी का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग कर उसे एक नये रूप में परिवर्तित कर वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है, कुछ मॉडल तैयार कर पर्यावरण पर उसके सकारात्मक प्रभाव बताए। प्रधानाचार्य पूनम गौतम ने बताया इस साल विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम है इनवेस्ट इन और प्लानेट (हमारे ग्रह में निवेश करें) है। यह थीम हमें हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों, हमारी आजीविका की रक्षा करने के लिए एकजुट होकर इस ग्रह में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, क्योंकि हरा-भरा भविष्य एक समृद्ध भविष्य है। वहीं पूरा विश्व इस वर्ष 53वां पृथ्वी दिवस मनाने जा रहा है।

वर्तमान समय में बढ़ती सुविधाएं, कारखाने, वाहन, वायु प्रदूषण, बढ़ते मकान तथा कट रहे वृक्षों तथा प्रकृति के साथ बेरहम मनमानी के कारण पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। जिसके चलते आगामी समय में हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अत: पृथ्वी के बचाव के लिए शीघ्र ही हमें उचित कार्य करके इसके बचाने का भरकस प्रयत्न करना होगा। हम बेहद ही छोटे स्तर पर कुछ पेड़ लगाकर अपने आस पास के वातावरण को सुंदर बनाने के साथ-साथ, पक्षियों को आवास और भोजन प्रदान कर सकते है। उन्होंने कहा एक स्वस्थ और स्वस्थ पर्यावरण एक स्वस्थ समाज का समर्थन करेगा और अर्थव्यवस्था फलेगी-फूलेगी। छात्रों को अपने परिसरों को हरा-भरा और स्वच्छ रखने के लिए अभिभावकों के साथ भागीदारी करनी चाहिए।

उपप्रधानाचार्य तनुजा ने बताया की अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग कर उसे एक नये रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को रिसाइक्लिंग कहते है। अनुपयोगी वस्तुओं जैसे डिस्पोजल की वस्तुएं, प्लास्टिक की वस्तुएं इन सभी को उपयोग में लाकर, इन्हें नया रूप देना ही रिसाइक्लिंग है। इससे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। विद्यालय में प्रतियोगिताएं कराकर छात्र-छात्राओं की क्षमताओं को निखारा जा रहा है। अनुपयोगी चीजों को बेहतर तरीके से उपयोगी बनाना। अखबार से भवन निर्माण, प्लास्टिक की पानी की बोतल से गुलदस्ता बनाना, लकड़ी की चम्मच से डिजाइन तैयार करना आदि के बारे में बच्चों को जानकारी दी गई।

आसान तरीके से उन्हें समझाया कि किस प्रकार से घर के फालतू सामान का उपयोग किया जा सकता है। अगर हम अनुपयोगी वस्तुओं का घर पर ही इस्तेमाल कर लें तो हम पर्यावरण को सुरक्षित कर सकतें है। उन्होंने कहा कि इस सुन्दर धरा का संरक्षण ही हमारा ध्येय होना चाहिए। जिससे हमारी आने वाली भावी पीढ़ियों को हम स्वस्थ वातावरण दे सकें। धरा संरक्षण ही हमारा संरक्षण है, इस आयोजन को सफल बनाने में शिक्षकगण की महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

स्लोगन:-जीवन को हमें बचाना है…. पृथ्वी को हरा बनाना है।
-पृथ्वी बचाओ जीवन बचाओ।