प्रसिद्ध उद्यमी एवं समाजसेवी जेपी कौशिक के परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब राज्यसभा सांसद ने मानी प्रशासन की लापरवाही

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जेपी कौशिक ने डाले थे वोट मेयर चुनाव में पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से बाहर

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। नगर निकाय चुनाव में बड़ी संख्या में हर इलाके में वोट कटने के मामले सामने आए हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने खुद इस बात को माना है कि इसमें जिला प्रशासन की लापरवाही है। गाजियाबाद के प्रसिद्ध उद्यमी एवं समाजसेवी जेपी कौशिक को बृहस्पतिवार को मतदान केंद्र से बिना वोट डाले मायूस होकर लौटना पड़ा। वार्ड 56 स्थित चिरंजीव विहार निवासी इंडियन इंडस्ट्रिज एसोसिएशन के सेंट्रल एग्जयूकेटिव मेंबर जगदीश प्रसाद (जेपी) कौशिक ने बताया कि इस बार नगर निकाय चुनाव में पूरे परिवार का वोट से नाम काट दिया गया। उन्होंने कहा प्रशासन की लापरवाही के चलते परिवार के पांच लोगों का नाम काट दिया गया। चुनाव से पहले मतदाता सूचियों में आपत्ति और शुद्धि के लिए बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) द्वारा मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया गया था। इस अभियान में एक भी बीएलओ नहीं आया। वोट डालने के लिए जब बूथ पर पहुंचे तो पता चला कि वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है।

गौरतलब हो कि प्रशासन के कार्य में आईआईए कदम से कदम मिलाकर सहयोग करता है। यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 में भी आईआईए ने आगे बढ़कर सहयोग किया था। वोटर लिस्ट से शहर के प्रसिद्ध उद्यमी जेपी कौशिक के परिवार का नाम कटना दर्शाता है कि जिला प्रशासन ने वोटर लिस्ट को लेकर किस तरह की लापरवाही बरती है। निर्वाचन आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार अभियान चलाता है लोगों को जागरूक करता है लेकिन जब वोट डालने की बारी आती है तो जिला प्रशासन के लापरवाह अधिकारी और कर्मचारी वोटर लिस्ट में बड़बड़ी कर अभियान पर पलीता लगाते हैं।

शहर की पॉश कॉलोनी राजनगर, कविनगर, शास्त्रीनगर, चिरंजीव विहार, वसुंधरा, वैशाली में सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग मिले जिनके नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। शहरवासियों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा मतदाता पुनरीक्षण अभियान सिर्फ दिखावे के लिए किया जाता है। कोई भी बीलएओ अपने कर्तव्यों को ईमानदारी के साथ निर्वहन नही कर रहा है। वहीं कालका गढ़ी स्थित एसडी इंटर कॉलेज में नगर निगम के वार्ड संख्या 12 के वोट डाले जा रहे हैं। जटवाड़ा, कालगढ़ी, कल्लूपुरा, बालूपुरा आदि इलाकों के वोट यही पर पड़ रहे हैं। मतदान केंद्र के बाहर बड़ी संख्या में ऐसे महिला-पुरुष मिले, जो वोट नहीं डाल पाए। इनका कहना था कि मतदान कर्मचारियों के पास जो वोटर लिस्ट है, उसमें उनका नाम नहीं है। जबकि बीएलओ ने जो मतदाता पर्ची बनाई है, उसमें उनका नाम है। मतदान कार्मिकों पर उपलब्ध लिस्ट से पर्ची का मिलान नहीं होने के कारण वोट नहीं डाल पाए।