नन्हें बच्चों की आंखों में पल रहे बड़े सपने

  • भागीरथ पब्लिक स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी में दिखा देश का भविष्य

कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ज्ञान सीमित है, कल्पना संसार को ढंक लेती है।

गाजियाबाद। भागीरथ पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बच्चों की बौद्धिक और क्रियात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए शनिवार को एक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के विभिन्न कक्षा के छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग करते हुए अपनी कल्पना को आधार दिया। बच्चों ने अपनी प्रतिभा और वैज्ञानिक सोच को सभी के सामने प्रदर्शित कर ख़ूब प्रशंसा हासिल की। विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों को एक ऐसा मंच देने की था, जहां छात्र यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट/मॉडल के माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों को कितना जाना और समझा। इस प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि रिटायर वैज्ञानिक माननीय श्री कमलाकर सुकुल थे। प्रदर्शनी का प्रारंभ सुबह 11 बजे से हुआ। प्रदर्शनी विद्यालय के सभी अभिभावकों और छात्रों के लिए खुली थी।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने अपने-अपने मॉडल/ प्रोजेक्ट के बारे में आए हुए मुख्य अतिथि और मेहमानों को जानकारी दी। छात्रों द्वारा सौर ऊर्जा, अंतरिक्ष, उपग्रह, एविएशन, चंद्रयान- 3, आदित्य एल0-1, वॉटर डिस्पेंसर, रोबोट, टाइम मशीन, जल विद्युत, जनरेटर, वॉटर प्यूरीफायर, होम सिक्योरिटी अलार्म, पावर प्लांट, पेंडुलम वेव्स, ए.टी.एल. लैब के अंतर्गत छात्रों ने वास्तविक जीवन से जुड़े हुए अनेक मॉडल तैयार किए।  प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण छोटे-छोटे बच्चों द्वारा विभिन्न वैज्ञानिकों और गणितज्ञों  का रूप धारण करना था।

मुख्य अतिथि कमलाकर सुकुल (यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया), विद्यालय के निदेशक अमिताभ सुकुल, प्रबंधक  अनादि सुकुल व प्रधानाचार्या अल्पना श्रीवास्तव ने घूम-घूम कर छात्रों द्वारा बनाए गए विभिन्न मॉडलों को देखा और छात्रों द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन भी किया। अभिभावकों ने भी विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विभिन्न मॉडलों को देखा और उनकी कल्पना शक्ति की सराहना की। मुख्य अतिथि ने सभी प्रोजेक्ट/मॉडलों का सावधानी पूर्वक निरीक्षण करते हुए प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं व शिक्षक शिक्षिकाओं के उत्कृष्ट प्रयास और कड़ी मेहनत व उनके निरीक्षण में बनाए गए प्रोजेक्ट/मॉडलों की सहृदय सराहना की और विज्ञान प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय प्रबंधक अनादि सुकुल ने बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि बीच-बीच में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से उनके बौद्धिक मानसिक विकास के साथ व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास भी होता है इसलिए बच्चों को भी चाहिए कि इस तरह के आयोजन में उन्हें बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभानी चाहिए।

निदेशक अमिताभ सुकुल ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में बच्चों को भारतीय संस्कृति व सभ्यता का संस्कार देते हुए हमें आगे बढऩा है ताकि हमारे बच्चे किसी भी क्षेत्र में पिछड़े न हों। इसलिए उनके लिए बीच-बीच में विभिन्न तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहने चाहिए। प्रदर्शनी का समापन प्रधानाचार्या द्वारा मुख्य अतिथि का आभार प्रकट करके और प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्ट कौशल के लिए बधाई देकर किया गया।