बायोडायवर्सिटी पार्क: शहर को मिलेगा खूबसूरत पर्यटन स्थल

-नगर निगम के प्रयासों से गाजियाबाद को मिलेगी नई पहचान

गाजियाबाद। शहर में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। भविष्य में यह स्थल शहर का खूबसूरत पयर्टन केंद्र बनकर उभरेगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नगर निगम ने महत्वपूर्ण प्लानिंग तैयार की है। बायोडायवर्सिटी पार्क में विभिन्न औषधि, फूल एवं सब्जी सहित 100 से ज्यादा किस्म के पौधे रोपित किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए चौथी बार निकाले गए टेंडर में निजी कंपनी ने दिलचस्पी दिखाकर बोली लगाई है। ऐसे में प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की उम्मीद को पंख लगे हैं।

नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि बायोडायवर्सिटी पार्क गाजियायाबाद शहर को एक अलग पहचान देगा। इसके लिए प्रत्येक जरूरी पहलू पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीछे एवं साईं उपवन के पास 65 एकड़ भूमि में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया जाना है। इसके लिए नगर निगम द्वारा चौथी बार टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इस बार एक निजी कंपनी ने बोली लगाई है। यह कंपनी पार्क को विकसित करने की इच्छुक है। पार्क के समुचित विकास पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। शहर में यह ऐसा पहला पार्क होगा, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। वहां औषधि, फूल एवं सब्जी सहित 100 से ज्यादा किस्म के पौधे रोपित होंगे। यह पौधे पर्यटकों को लुभाएंगे। दिल्ली के नजदीक होने के कारण गाजियाबाद में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। चूंकि दिल्ली में देश-दुनियाभर से सैलानी आते हैं।

इन सैलानियों को बायोडायवर्सिटी पार्क अपनी ओर आसानी से आकर्षिक कर सकेगा। पार्क का विकास होने से ना सिर्फ खाली भूमि का सही उपयोग हो पाएगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम हो सकेगा। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि यदि सब-कुछ योजना के अनुसार रहा तो पार्क को विकसित करने का काम जल्द से जल्द शुरू करा दिया जाएगा। रेस्टोरेंट,फव्वारे,लैंड स्केपिंग आदि आकर्षक का केंद्र होंगे। बायोडायवर्सिटी पार्क शहर की सुंदरता को बढ़ाएगा। इस पर काम शुरू होने के बाद एक साल में इसे पूर्ण रूप से विकसित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। नगर निगम ने अब निजी कंपनी को इसका टेंडर दे दिया है। उम्मीद है कि 15 अगस्त के बाद कंपनी को वर्कऑर्डर जारी करने के बाद फिर इस पर काम शुरू होगा।

पार्क का पहला फेज दिसंबर-2023 के तक पूरा हो जाएगा। बायोडायवर्सिटी पार्क के विकसित होने के बाद इसे प्राइवेट कंपनी को कांट्रेक्ट पर दिया जाएगा। इसमें टिकट लगेगा। इस पार्क का मेंटीनेंस कार्य कराया जाएगा। बाकी रकम में नगर निगम और संबंधित कंपनी की हिस्सेदारी होगी। महामाया स्टेडियम के पीछे जमीन पर कूड़ा एकत्र होता था। इसमें अक्सर आग लगा दी जाती थी।शहर के कई हिस्सों से आकर गंदा पानी भी एकत्रित होता है,इसकी वजह से यहां पर प्रदूषण की बड़ी वजह बनता जा रहा है।साईं उपवन और ईको पार्क को भी इससे नुकसान हो रहा था। इसीलिए बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने के लिए निगम ने निर्णय लिया हैं। पार्क में जाने के लिए जीटी रोड के साथ मल्टीलेवल पार्किंग और शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन से भी कनेक्टिविटी दी जाएगी। न्यू लिंक रोड फ्लाईओवर के नीचे वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।इसमें झील, दलदल, तालाब व उद्यान भी होगा। यहां तीन तरह के जलाशय बनाए जाएंगे।

दलदल के साथ झील व तालाब भी होंगे,जहां मछली पालन के साथ कमल के फूल भी खिलेंगे। दिल्ली के मुगल गार्डन की तर्ज पर यहां फ्लावर कोर्ट होगा और स्काईवाक के जरिए  ऊपर से पूरे पार्क का जायजा भी लिया जा सकेगा। बायोडायवर्सिटी पार्क की सुंदरता रैपिड ट्रेन और न्यू लिंक रोड से दिखेगी। छात्रों को मिलेगा वनस्पति विज्ञान का ज्ञान बटरफ्लाई गार्डन, फव्वारे, सोलर लाइट,पाथ-वे, साइकिल ट्रैक, वाच टावर, नर्सरी, प्ले ग्राउंड, फाउंटेन, लोटस पांड, फिश पांड,फॉरेस्ट रेस्टोरेंट, गार्डन कैफे के साथ यहां रिसर्च सेंटर भी होगा।जहां जैव विविधता से जुड़े शोध होंगे। छात्रों को यहां वनस्पति विज्ञान की जानकारी मिलेगी। यहां 33 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता का एसटीपी भी लगाया जाएगा। जिससे नाले का पानी शोधित कर जलाशयों में भरा जाएगा।