गाजियाबाद की सीमा भड़ाना अंतरराष्ट्रीय काव्य श्री सम्मान से हुई सम्मानित

गाजियाबाद। लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त) और ब्रिगेडियर भुवनेश चौधरी (सेवानिवृत्त) द्वारा अंतरराष्ट्रीय काव्य श्री सम्मान से गाजियाबाद की सीमा भड़ाना को अलंकृत किया। दिल्ली के हिंदी भवन में रविवार को आयोजित साहित्य के क्षेत्र में देश-विदेश में अपनी पहचान बनाने वाली साहित्य संस्था अन्तर्राष्ट्रीय शब्द सृजन के बैनर तले भारत के अशोक चक्र विजेता पुस्तक का लोकार्पण किया गया। जिसमें देश-विदेश के कवियों को सम्मानित किया गया। सीमा भड़ाना ने कहा कि मेरे लिए यह काफी सम्मान की बात है कि मेरा नाम भी अशोक चक्र विजेताओं पर लिखित दोहा संग्रह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के अथक प्रयासों से भारत के भारत रत्न ग्रन्थ का प्रकाशन व लोकार्पण हुआ। उस ग्रन्थ को भी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। जिसमें भी लिखने व सम्मान पाने का सौभाग्य मिला था। साहित्य के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था का यह अभूतपूर्व योगदान सराहनीय है।

सीमा भड़ाना का कहना है कि मेरे और मेरे परिवार के लिए यह गर्व की बात है। सबसे अधिक खुशी तब हुई जब लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी और ब्रिगेडियर भुवनेश चौधरी द्वारा यह सम्मान पत्र दिया गया।
ग्रन्थ के सम्पादक डॉ राजीव कुमार पाण्डेय ने नवम्बर में ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से 201 कवियों द्वारा अशोक चक्र विजेताओं पर दोहे सृजित कराकर कविता पाठ कराया था। जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया है। उन्हीं में से चयनित 167 दोहाकारों के दोहों को संग्रहीत कर इस ग्रन्थ को प्रकाशित किया गया है। संस्था के महासचिव एवं ग्रन्थ के संकलनकर्ता वरिष्ठ गीतकार ओंकार त्रिपाठी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए बताया कि इस कालजयी ऐतिहासिक भारत के अशोक चक्र विजेता में भारत सहित अमेरिका इंडोनेशिया नेपाल, अबुधाबी आदि देशों 167 दोहाकारों के 2063 दोहे संकलित हैं जो हिंदी साहित्य में एक विशाल दोहा ग्रन्थ माना जायेगा। इस अवसर पर देश विदेश के शताधिक कवियों को अंगवस्त्र किताबें व सम्मान पत्र देकर अंतरराष्ट्रीय काव्य श्री सम्मान से अलंकृत किया गया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष देश के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ साहित्यकार डॉ चन्द्रपाल शर्मा, मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी, विशिष्ट अतिथि दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष डॉ इंदिरा मोहन एवं विशिष्ट अतिथि फिल्म गीतकार एवं साहित्यकार डॉ प्रमोद कुश (तनहा) ने इस ऐतिहासिक ग्रन्थ का लोकार्पण किया।
डॉ चन्द्रपाल शर्मा ने इस ग्रन्थ को राष्ट्रीय महत्व का ग्रंथ बताया, तो मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त) ने इस ग्रन्थ को भारत के शौर्य की संज्ञा दी। देश की वरिष्ठ गीतकार डॉ इंदिरा मोहन ने इसे अभूतपूर्व एवं कालजयी ग्रंथ की संज्ञा दी। ग्रन्थ की समीक्षा करते हुए डॉ प्रमोद कुश (तनहा) ने कहा भारत की वीरता शौर्य बलिदान की गाथा का ऐतिहासिक ग्रन्थ है जो राष्ट्रभक्ति का जागरण करेगा।