मंत्री अतुल गर्ग ने संकट में जनता का छोड़ दिया था साथ, क्या अब योगी के नाम पर लगेगी नैया पार ?

गाजियाबाद। मुसीबत के समय में ही अपनों की परख होती है लेकिन इन स्वार्थी और मौकापरस्त नेताओं से उम्मीद करना बेमानी है। नेताजी तो नेताजी ठहरे उन्हें शर्म कहां आती है। जिन नेताओं ने कोरोना संकट के समय शहरवासियों का साथ छोड़ दिया था वही नेता अब जनता पर फिर से राज करने के लिए झूठे दावों का पिटारा खोल रहे हैं। लेकिन जनता तो जनता है वह सब जानती है और मन में उन बातों को दबाए हुए भी रखती है। दरअसल जनपद में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दरम्यान जनप्रतिनिधियों ने बेबस जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। लेकिन यही जनप्रतिनिधि अब योगी सरकार के साढ़े 4 साल का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में उपलब्धियों का ढिंढोरा पिटने में लगे हैं। सोमवार को गाजियाबाद के विधायक एवं प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने कामों का बखान किया। लेकिन शहर में चर्चा उनके कामों से कहीं अधिक कोरोना संकट के समय उनके छुप जाने की हो रही है।

अतुल गर्ग स्वास्थ्य मंत्री है यही वजह रही कि कोरोना संकट के समय उनसे शहरवासियों को उम्मीदें भी काफी थी। लेकिन संकट के समय मदद तो छोड़िए उन्होंने घर के दरवाजे बंद कर लिए और परेशान शहर वासियों का फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। यही वजह है कि अब उन्हें हर जगह और हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनता के चुभते सवालों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को सरकार की उपलब्धियों को लेकर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मंत्री जी चुभते सवालों पर निरुत्तर हो गए। संकट के दौर में एसी कमरे में समय व्यतीत करने वाले मंत्री अब प्रशासनिक कार्यों का क्रेडिट बटोरने की भी हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि उनके प्रति जनता में रोष पहले से ज्यादा बढ़ने लगा है।

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भाजपा सरकार के साढे चार साल पूरे होने पर सरकार की योजना और कार्यक्रम से जुडी पुस्तिका मीडिया कर्मियों को उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने श्रेय लूटने का प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि नगर निगम के सहयोग से 63 करोड लागत के विकास कार्य कराए गए, 47 करोड के विकास कार्य प्रस्तावित है, लेकिन नगर निगम के सहयोग से जो विकास के कार्य कराए गए, वह मेयर आशा शर्मा के हिस्से आएगा। अतुल गर्ग ने दावा किया कि उनके द्वारा विधायक निधि 9 करोड 22 लाख रूपए लागत से विकास कार्य कराए गए तथा 1 करोड 62 लाख लागत के विकास कार्य प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री के द्वारा 5 करोड रूपए लागत के विकास के काम कराए गए और इतनी ही लागत के विकास के काम प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश जल निगम के द्वारा लाइन पार के विजय नगर में 111 करोड रूपए लागत के विकास कार्य कराए है।इसके साथ साथ 80 करोड लागत से सीवर के कार्य कराए गए तथा 70 करोड के काम प्रस्तावित है।

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उन्होंने लाइन पार में 94 करोड की लागत से बन रहे आरओबी का भी खुद से श्रेय लेने का प्रयास किया और दावा किया कि ब्रिज का 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शहीद नगर मेट्रो स्टेशन के साथ एनएएचआई के द्वारा किए जा रहे काम का भी श्रेय लेने का प्रयास किया। इसके साथ साथ डूंडा हेडा में प्रस्तावित 50 बेड के उस अस्पताल का भी श्रेय लूटने का प्रयास किया जिसका दूर तक अता पता नहीं है। जिला महिला अस्पताल की डाक्टरों के द्वारा 29 हजार डिलीवरी की गई, उसका भी अतुल गर्ग के द्वारा श्रेय हासिल करने का प्रयास किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी आखरी तक यही सवाल उठता रहा कि मंत्री जी शहर में जो विकास कार्य कभी हुए ही नहीं उनका भी श्रेय आपको जाता है लेकिन इस सवाल का क्या जवाब है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री होते हुए कोरोना संकट के समय आप दरबे में छिप गए थे। प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री अतुल गर्ग के हमसाया राजेंद्र मित्तल मेहंदी वाला, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मान सिंह गोस्वामी, पार्षद हिमांशु लव आदि उपस्थित थे।