रैपिड रेल: गुजरात से गाजियाबाद पहुंचे ट्रेनसेट के 6 कोच

-दुहाई डिपो में क्रेन से उतारे ट्रेनसेट के 6 कोच

गाजियाबाद। देश में पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत संचालित होने वाली रैपिड रेल के बड़े ट्रेलरों में कड़ी सुरक्षा के बीच लाए गए 6 कोच दुहाई डिपो में क्रेन से उतारे गए। इसके बाद कोच के दीदार भी हो गए। साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड ट्रेन का मार्च-2023 में संचालन शुरू करने की कवायद जारी है। ऐसे में अगस्त से रैपिड रेल के मुख्य ट्रायल रन शुरू होगा।

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि रैपिड रेल के 6 कोच को दुहाई डिपो के अंदर लाने के बाद तकनीकी संबंधी ट्रायल के लिए सावधानी पूर्वक ट्रैक पर उतारने और जोडऩे का काम शुरू किया जाएगा। गुजरात के सांवली स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट से एक जून को ट्रेलरों पर सवार होकर चली छह कोच वाली पहली रैपिड रेल चार राज्यों गुजरात के बाद राजस्थान,हरियाणा,उत्तर प्रदेश का सफर करते हुए रविवार को दुहाई डिपो में पहुंच गई। दुहाई डिपो से ही अगस्त से इसका ट्रायल रन किया जाएगा। इसके लिए ट्रैक बिछाने से लेकर बिजली के इंतजाम तक की तैयारियां कर ली गई हैं। रैपिड ट्रेन का संचालन अधिकतम 180 किलोमीटर और औसतन 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।रैपिड रेल के कोच अभी कवर किए हुए हैं जिसे उतारकर उनका दीदार कर सकेंगे।

दुहाई डिपो पहुंचने पर इन्हें क्रेन की सहायता से उतारा गया और अब आने वाले दिनों में डिपो में ही पूरी ट्रेन को असेंबल किया जाएगा। दुहाई डिपो में इनके लिए ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं और ट्रेन की टेस्टिंग के लिए भी पूरी तैयारी हंै। आरआरटीएस के तहत रैपिड ट्रेनों के संचालन के लिए दुहाई डिपो में ही प्रशासनिक भवन बनाया गया है।इसका तीन चरणों में ट्रायल का कार्य पूरा करने के बाद मार्च-2023 से साहिबाबाद से दुहाई के बीच और मार्च-2025 से दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के पल्लवपुरम तक रैपिड ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। इससे हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी।डिपो में रेल लाइन बिछा दी गई हैं, वर्कशॉप के लिए शेड तैयार हैं। रैपिड ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन,दो वर्कशाप लाइन, तीन इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया गया है, जिनमें एक वर्कशाप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं।

रैपिड ट्रेन के कोच अपने आकर्षक और आधुनिक डिजाइन के साथ रेजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से युक्त हल्के वजन के और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) व स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) से सम्पन्न हैं। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम आरआरटीएस ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है,जो ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न करती है और ट्रेन सिस्टम के ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से बिजली इलेक्ट्रिक ग्रिड में चली जाती है। फिलहाल सभी कोच ट्रेलर पर रखे हैं। ट्रेलर को ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेस-वे की साइड में खड़ा किया गया है। सोमवार को ट्रेलर से कोच उतारे गए। इसके बाद इन्हें जोड़ा जाएगा और इनसे पर्दा उठाया गया। रैपिड रेल के मॉडल कोच में यात्रियों को शताब्दी ट्रेन से अधिक सुविधाएं हासिल होंगी।

छह कोच की ट्रेन में चार कोच स्टैंडडज़् श्रेणी, एक कोच महिला और एक कोच प्रीमियम क्लास का होगा। स्टैंडडज़् कोच में एक ओर रेल से बाहर आने के लिए तीन दरवाजे तो प्रीमियम कोच में दो दरवाजे होंगे। प्रीमियम कोच का किराया स्टैंडडज़् से अधिक होगा। आपात स्थिति में रेल का इस्तेमाल ग्रीन कॉरिडोर की तरह हो सकेगा। हर छह माह में खुलेगा 20 किमी का भाग:देश की पहली रैपिड रेल मार्च-2023 में साहिबाबाद से दुहाई तक प्राथमिकता खंड में दौडऩे लगेगी। इसके बाद एनसीआरटीसी की योजना हर छह माह में आगामी 20 किलोमीटर के सेक्शन को खोलने की है। ऐसे में पहले खंड के बाद दुहाई से मेरठ दक्षिण तक अक्टूबर-2023 में दूसरा सेक्शन खुल सकेगा।