1702 दुकानों का किराया बढ़ोतरी, शासन को मार्गदर्शन के लिए भेजा पत्र

गाजियाबाद। नगर निगम द्वारा शहर में किराए पर आवंटित 1702 दुकानों का किराया बढ़ोतरी का नगर निगम बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास होने के बाद अब शासन को इसके मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजा गया है। मेयर आशा शर्मा ने बताया कि शहर में नगर निगम की 1702 दुकानों का किराया पिछले 25 साल से नहीं बढ़ाया गया है। दुकानों का किराया बढ़ाने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया जा चुका हैं। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव नगर निगम की 7 जून को हुई बोर्ड बैठक में रखा था। इसमें शासनादेश संख्या-406,1997-95, जनरल-1996 नगर विकास अनुभाग-9 लखनऊ के 10 फरवरी 1997 में निर्दिष्ट व्यवस्था के अनुसार किए जाने के संबंध में अब मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। शासन से अब इस संबंध में जो भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उसी का पालन करते हुए कार्रवाई की जाएगी। दरअसल,नगर निगम की कुल 1702 दुकानों,ठियों के किराए में कई सालों से वृद्धि नहीं होने से निगम को औसतन 300 रुपए से लेकर लगभग 1500 रुपए मासिक किराया प्राप्त हो रहा है। जबकि बाजार भाव के अनुसार वर्तमान में किराया 10 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए प्रतिमाह हैं।

7 जून को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव संख्या-497 अनुुमोदन के लिए पेश किया गया। इस पर सदन की बैठक में सर्वसम्मति प्रस्ताव पास किया गया। बीते 25 वर्षोंं से दुकानों के मासिक किराए में 10 प्रतिशत की वृद्धि एवं नामांतरण शुल्क की स्थिति में 3 लाख रुपए प्रीमियम स्वरूप नगर निगम में जमा कराए जाएं। जबकि शासनादेश 1997 के अनुसार नगर निगम की संपत्तियों का किराया वर्तमान बाजार दर पर निर्धारित करने के लिए जिलाधिकारी के सेक्टर रेट निर्धारित किराए की सर्किल दरों के अनुसार लिए जाने के आदेश दिए गए हैं। दुकानों किराया बढ़ोतरी को लेकर व्यापारी इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। महापौर का कहना है कि शासन से दुकानों के किराया बढ़ोतरी के मामले में मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजा गया है। शासन से जो भी निर्णय लिया जाएगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद फिलहाल नगर निगम द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं।