शिव सिलेंण्डर टेस्टिंग सेंटर का कारनामा, कार्रवाई करने से बच रही पुलिस

-पता कहीं, जारी कहीं और से हो रहा सीएनजी लीकेज टेस्टिंग प्रमाण पत्र जारी

गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पता कहीं और जारी कहीं से सीएनजी लीकेज प्रमाण पत्र जारी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस कार्य को निर्धारित स्थान के अतिरिक्त असुरक्षित स्थान पर करने से कोई भी गंभीर घटना घटित हो सकती है। इन सबकी जानकारी होने के बाद भी पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शायद पुलिस भी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है। श्रीजी सीएनजी सिलेंडर टैस्टिंग सेंटर के मालिक प्रदीप कुमार ने ज्वाइंट सीपी को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है। ज्वाइंट सीपी को दिए गए शिकायती पत्र में प्रदीप कुमार ने बताया कि श्रीजी सीएनजी सिलैण्डर टेस्टिंग नीयर ओम साई धाम फिटनेश सेंटर स्थिति है। जहां पर सीएनजी सिलेंडर की लीकेज टेस्टिंग का कार्य किया जाता है। पास मेें ही ओम साई धाम फिटनेश सेंटर स्थिति है। जहा पर वाहन स्वामी/चालक अपने-अपने वाहनों की फिटनेश के लिए आते रहते है। उनके वाहनों की फिटनेश सेंटर पर की जाती है।

गत 20 सितंबर को शिव सिलेंण्डर टैस्टिंग सेंटर ग्राम डासना से सनी मिश्रा नाम व्यक्ति श्रीजी सीएनजी सिलैण्डर टेस्टिंग नीयर ओम साई धाम पर आता है। जो कि अवैध रुप से वाहन स्वामी एवं चालकों को गुमराह करके वाहनों के सिलेंडरों की लीकेज टेस्टिंग प्रमाण पत्र जारी करता है। वह जिस लीकेज प्रमाण पत्र को जारी करता है। उसका पत्रांक-742 / प्रावि0/ 2023-101 प्रावि0/2016 जिसका सेन्टर कोड यूपी-11 है। जो खसरा संख्या-830 एवं 832 राज नगर एक्सटेंशन के पते पर जारी किया गया है। प्रमाण पत्र के नियमों के अनुसार यह प्रमाण पत्र केवल उसी पते से ही जारी किया जाना चाहिए। जबकि सनी मिश्रा इसी प्रमाण पत्र के आधार पर अपने टैस्टिगं सेंटर खसरा संख्या-766 ग्राम डासना से भी जारी करता है, जो कि नियमों के सख्त विरुध है।

सीएनजी लीकेज टेस्टिंग कार्य अत्यन्त ही सेवदनशील है (बिना सिलैण्डर लीकेज टैस्टिगं के प्रमाण पत्र जारी करना भी अपराध है)। इस कार्य को निर्धारित स्थान के अतिरिक्त असुरक्षित स्थान पर करने से कोई भी गंभीर घटना घटित हो सकती है। जिससे जन एवं धन की हानि होने की भी संभावना बनी रहती है। जिस पर पूरी तरह से रोक लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को थाना वेव सिटी को भी इस मामले की जानकारी दी गई थी। इसके उपरांत दो दिन बाद शिकायत पत्र भी दिया गया। जिसको थाना प्रभारी ने लेने से मना कर दिया। आज भी इसी तरह से लीकेज टेस्टिंग प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। शिकायत करने धमकी देता है कि पुलिस भी इसमें कोई कार्रवाई नहीं करेगी।