गाजियाबाद में पांच साल बाद फिर होगी कैला भट्टा के नाले में गिरकर हुई दो बच्चों की मौत की जांच

गाजियाबाद। नगर निगम क्षेत्र के कैला भट्टा स्थित नाले में गिरकर हुई पांच साल पहले दो बच्चों की मौत के मामले की अब पांच साल बाद फिर से जांच होगी। इसके लिए नगर निकाय निदेशक ने म्युनिसिपल कमिश्नर को आदेश जारी किए हैं। नाले में गिरकर हुई दो बच्चों की मौत के मामले में पहली जांच में निर्माण विभाग के अवर अभियंता को क्लीन चिट मिल गई थी। इसकी जांच भी मेरठ नगर निगम से कराई गई थी। कैला भट्टा स्थित गुलजार कॉलोनी में खुले नाले में गिरकर 11 मार्च-2018 को एक बच्चे की मौत हो गई थी। जबकि इसके दो दिन बाद 13 मार्च को नाले में गिरकर एक ओर बच्चे की मौत हो गई थी। नाले में गिरने से दो बच्चों की मौत के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। इसमें किस स्तर पर लापरवाही बरती गई इसकी जांच कराई गई।

नगर निगम के निर्माण विभाग के तत्कालीन अवर अभियंता श्रीकांत सिंह राना की जांच हुई। वह तब कैला भट्टा क्षेत्र देख रहे थे। मेरठ नगर निगम से कराई गई जांच में पाया कि नाले का एक भाग कच्चा होने और सिल्ट से भरा होने की वजह से पानी का बहाव काफी ऊपर तक हो गया था। नाले के संबंध में निगम के उच्च अधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया। इसके बाद जांच अधिकारी ने एक अक्टूबर-2018 में जांच उपलब्ध कराई। जांच में यह अंकित किया गया कि नगर निगम के सिविल के अवर अभियंता श्रीकांत सिंह राना का दोष प्रतीत नहीं होता है। इस जांच को स्थानीय निकाय निदेशक लखनऊ ने स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने म्युनिसिपल कमिश्नर को पत्र भेजकर कहा कि वह अपने स्तर से इस मामले की दोबारा से जांच कराए। जांच करते हुए तथ्यात्मक आख्या निकाय निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए।