भारी विरोध : राज्य सभा में कृषि बिल को मंजूरी

-विपक्षी दलों के सदस्यों का सदन में बवंडर, माइक टूटा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत कृषि बिल 2020 पर रविवार को राज्य सभा में महाभारत हो गई। बिल पर चर्चा के दरम्यान सदन में काफी बवाल मचा। विपक्षी दलों के नेताओं ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी की। उन्होंने उप-सभापति की तरफ कागज के पुर्जे तक उछाले। विपक्ष के नेताओं की मार्शलों के साथ भी झड़प हो गई। ऐसे में माइक तक टूट गया। कृषि बिल-2020 को चर्चा के लिए राज्यसभा में रखा गया था। इस पर सदन में मौजूद विपक्षी दलों के सदस्यों ने शोर-शराबा मचाना शुरू कर दिया। इन सदस्यों ने बिल का पुरजोर विरोध किया। बिल को किसान विरोधी बताया गया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन नारेबाजी कर उप-सभापति की वेल तक आ गए। उन्होंने उप-सभापति से बिल छीनने की कोशिश की। ऐसे में मार्शल द्वारा बीच-बचाव करने पर उप-सभापति के सामने रखा माइक टूट गया। हंगामा बढऩे पर उप-सभापति ने राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी। बाद में सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। सदन के बाहर भी गहमा-गहमी का आलम रहा। बता दें कि कृषि बिल 2020 को लोकसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। बिल के खिलाफ तमाम विपक्षी दल लामबंद नजर आ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल की नेता और एनडीए सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने हाल ही में इस्तीफा तक दे दिया है। उधर, कृषि बिल पर राहुल गांधी भी निरंतर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी जी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं, जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा। वहीं, भारी विरोध के बावजूद राज्यसभा में कृषि बिल को मंजूरी मिल गई। इससे विपक्षी दलों को गहरा धक्का लगा है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बाहुबली मोदी सरकार ने जबरन किसान बिल को पास कराया है। इससे ज्यादा काला दिन कुछ हो नहीं सकता। देश का किसान मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।