डीपी यादव ने खोले दिल के राज, चुनाव लड़ने का ऐलान, कृषि कानूनों पर पीएम के फैसले को सराहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाने का पूर्व सांसद डीपी यादव यादव ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि आंदोलनकारियों के सामने पीएम झुक गए हैं। भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इतने बड़े देश का पीएम कभी झुक नहीं सकता। कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर पीएम ने न सिर्फ बड़ा दिल दिखाया है बल्कि बड़ा काम भी किया है।

नोएडा। विधायक महेंद्र सिंह भाटी हत्याकांड में बरी होने के बाद पूर्व मंत्री एवं सांसद डीपी यादव ने सक्रिय राजनीति में आने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। राजनीति में धमाल मचाने के लिए वह रणनीति तैयार कर चुके हैं। पूर्व सांसद डीपी यादव लंबे समय बाद शुक्रवार को मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए। इस दरम्यान उन्होंने अपने दिल के राज उजागर कर खुलकर बातचीत की। उन्होंने आगामी विधान सभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। किस सीट से वह चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर जल्द निर्णय होगा। तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने विस चुनाव में किसी बड़े राजनीतिक दल के साथ गठबंधन करने के भी संकेत दिए हैं।

पूर्व सांसद ने कहा, पीएम का कद बढ़ा
नोएडा मीडिया क्लब में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सांसद डीपी यादव काफी सुकून भरे अंदाज में दिखाई दिए। उन्होंने सभी सवालों का सटीक जबाव दिया। दादरी विधायक महेंद्र सिंह भाटी हत्याकांड में बरी होने के बाद डीपी यादव का बदला अंदाज यह बताता है कि वह पुरानी चीजों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने के लिए आतुर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाने का पूर्व सांसद यादव ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि आंदोलनकारियों के सामने पीएम झुक गए हैं। भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इतने बड़े देश का पीएम कभी झुक नहीं सकता। कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर पीएम ने न सिर्फ बड़ा दिल दिखाया है बल्कि बड़ा काम भी किया है। इससे पीएम का कद और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यह दोनों पक्षों की जीत है। उन्होंने माना कि यह फैसला अगले विधान सभा चुनाव में भाजपा के लिए विशेषकर पंजाब और पउप्र में लाभकारी साबित होगा।

चुनाव लड़ेंगे, गठबंधन के भी संकेत
आगामी विधान सभा चुनाव में अपनी सहभागिता के सवाल पर डीपी यादव ने कहा कि वह निश्चित तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। किस सीट से चुनाव लड़ा जाएगा, इसका फैसला राष्ट्रीय परिवर्तन दल की लखनऊ में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। यह बैठक जल्द होनी है। उन्होंने यह जरूर कहा कि चुनाव लड़ने के लिए 10-12 सीट नजर में हैं। इनमें से किसी एक सीट को फाइनल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी बड़े राजनीतिक दल के साथ गठबंधन भी संभव है। बेशक हमारा दल छोटा है, मगर बड़ा प्रभाव डालने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि राजनीति का मौजूद परिवेश बदल चुका है। पूर्व सांसद डीपी यादव ने जेल में गुजारे अपने वक्त को तीर्थयात्रा करार दिया है।

जेल में लेखन, 6 साल में 5 पुस्तकें लिखीं
उन्होंने जेल में 6 साल गुजारे हैं। उन्होंने बताया कि जेल में रहकर उन्होंने काफी संख्या में कविता लिखीं। इसके अलावा पांच पुस्तकें भी लिखी हैं। यह पुस्तकें जल्द प्रकाशित हो जाएंगी। जेल जाने से पहले भी वह चार किताबें लिख चुके थे। कई किताबों का विमोचन पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने किया था। उन्होंने कहा कि लिखना-पढ़ना मेरी पुरानी आदत है। पूर्व सांसद डीपी यादव ने बताया कि उनकी प्रकाशित होने वाली एक किताब का शीर्षक ‘अभी अंत नहीं’ है। यह किताब जेल में जाकर सबसे पहले लिखी गई थी। उन्होंने अपनी बाहुबली और डॉन जैसी छवि पर भी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मैंने कभी ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे किसी की आत्मा को कष्ट पहुंचे, मगर वह आज तक यह भी नहीं समझ पाए हैं कि वे कहां का डॉन थे। बिना वजह उन्हें बदनाम किया गया। इसके बावजूद उन्होंने कभी विरोध नहीं किया। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर कहा करते थे कि एक गलत सवाल का जवाब दोगे तो हजार गलत सवाल खड़े हो जाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की इसी बात को आत्मसात कर मैं जिंदगी में आगे बढ़ता रहा।

जब मुंबई से निराश होकर लौटे
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद डीपी यादव ने अपने जीवन के एक और अह्म पहलू को सामने रखा। उन्होंने बताया कि उपकार फिल्म में अभिनेता मनोज कुमार और दूसरे चरित्रों को देखकर उनके मन में भी अभिनय करने का ख्याल आया था। उस समय वह गांव में रहते थे। उपकार फिल्म से प्रभावित होकर वह मुंबई चले गए थे। वहां कुछ सीरियल में अभिनय किया था। हालांकि कभी बड़े पर्दे पर नहीं आया था। टीवी पर जरूर दिखने लगा था। बाद में हकीकत से रूबरू होने पर मुंबई से घर वापसी करनी पड़ गई। दरअसल परिवार गरीब था। पिताजी स्वतंत्रता सैनानी थे और फिल्मों तक पहुंचने की हैसियत नहीं थी। पूर्व सांसद डीपी यादव की खेलों में भी काफी दिलचस्पी रही है। वह वॉलीबॉल और कबड्डी के खिलाड़ी भी रह चुके हैं। जेल में रहने के दौरान भी उन्होंने वॉलीबॉल में हाथ आजमाए थे।