मिसाल : यमुना प्राधिकरण ने आपदा को अवसर में बदला

कोरोना काल में भरा खजाना, आमदनी दोगुना से ज्यादा हुई

ग्रेटर नोएडा। कोरोना काल ने अच्छे-अच्छों को आर्थिक चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछेक अपवाद छोड़ दें तो गरीब हो या अमीर सभी की माली हालत को कोरोना ने नुकसान पहुंचाया है। इसके इतर कोरोना काल में यमुना प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति में सुधार आना आश्चर्यचकित करता है। कोरोना में यमुना प्राधिकरण की आय में बढ़ोत्तरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के निर्धारित बजट का 90 प्रतिशत यमुना प्राधिकरण ने व्यय किया है। प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण, जेवर एयरपोर्ट और विकास कार्यों पर खुलकर पैसा खर्च किया। जबकि सर्वाधिक आमदनी औद्योगिक भूखंडों के आवंटन से हुई है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में यह आय और बढ़ सकेगी। यमुना प्राधिकरण (यीडा) कोरोना काल के मध्य अपने कार्यों को गति देता रहा। नतीजन प्राधिकरण की आय में दोगुना की बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार प्राधिकरण की आय 2200 करोड़ रुपये से ज्यादा की हुई है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 1198 करोड़ रुपये का रहा है। प्राधिकरण को यह आमदनी आवासीय, औद्योगिक व व्यावसायिक भूखंडों के बेचने से हुई है। आवासीय भूखंडों की नई योजनाओं से प्राधिकरण को 352 करोड़ रुपये मिले हैं। औद्योगिक से 541 करोड़ व संस्थागत से 67 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। अन्य मदों में प्राधिकरण के पास 195 करोड़ रुपये आए हैं। प्राधिकरण ने कोरोना के पीक टाइम में भी भूखंडों का आवंटन किया और उसका नतीजा सामने है। कमाई बढ़ाने के साथ प्राधिकरण ने खर्च भी किया है। यमुना प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण पर 266 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जेवर एयरपोर्ट को 300 करोड़ रुपये दिए हैं। प्राधिकरण ने विकास कार्यों पर 532 करोड़ रुपय खर्च किए हैं। प्राधिकरण ने अपनी देनदारी को भी कम किया है। गत वित्तीय वर्ष में 1049 करोड़ रुपये का ऋण कम किया है। प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के निर्धारित बजट का 90 प्रतिशत खर्च कर दिया है। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह के मुताबिक विभाग की माली हालत में सुधार लाने के लिए और प्रयास किए जाएंगे। अगले वित्तीय वर्ष में इससे बेहतर परिणाम लाने की कोशिश होगी।