पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं लोकल फूड : डॉ. संजय मिश्र

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के राष्ट्रीय वेबीनार में पारस हॉस्पिटल के विभागाध्यक्ष ने रखे विचार

उदय भूमि संवाददाता
पटना। कुपोषण से बच्चों का बचाना बेहद जरूरी है। हम सभी को मिलकर कुपोषण से पोषण की तरफ चलना होगा। सभी को भरपूर पौष्टिक तत्व मिलें इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। लोकल फूड (स्थानीय भोजन) पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। ऐसे में हम सभी को लोकल एवं सीजनल फूड का सेवन करना चाहिए। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के तत्वावधान में बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल पटना के आहार एवं पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार मिश्र ने यह बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर हम सत्तू और पोहा को ले सकते हैं। सत्तू बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोगों का पसंदीदा आहार है। वहीं, पोहा मध्य प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान क्षेत्र में खूब पसंद किया जाता है। ये दोनों भोज्य पदार्थ पौष्टिक गुणों से भरपूर हैं। हमें स्थानीय व्यंजन का भरपूर उपयोग करना चाहिए। राष्ट्रीय वेबीनार कार्यक्रम का आयोजन शासकीय गृह विज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में वित्त पोषित एवं क्लिनिकल न्यूट्रिशन एवं डाइटेटिक्स विभाग ने किया था। वेबीनार में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. संजय कुमार मिश्र ने कहा कि यदि हमें सही मात्रा में पोषण प्राप्त ना हो तो हमारा प्रतिरोधात्मक तंत्र अत्यंत प्रभावित होता है। हम उचित एवं संतुलित आहार, व्यायाम, स्वच्छता के माध्यम से अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

डॉ. मिश्र ने विटामिन बी कॉम्प्लैक्स, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन सी, ओमेगा 3, कैलशियम, आयरन, जिंक, सैलेनियम आदि पोषक तत्वों से अवगत करा बताया कि पोहा से एनीमिया जैसे रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। पोहे में उपयोग होने वाली कड़ी पत्ता विटामिन बी कॉम्प्लैक्स से भरपूर होता है एवं पोहे में उपयोग किया जाने वाला नींबू विटामिन सी का अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने कहा कि कोविड काल में महाविद्यालय द्वारा आइसोलेट 1200 से 1500 लोगों की काउंसलिंग की गई। इस समय महाविद्यालय द्वारा योग प्रशिक्षक, आहार विशेषज्ञ, मोटिवेशनल स्पीकर एवं चिकित्सीय परामर्श दाता द्वारा कोविड जैसी महामारी में आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए सतत व्याख्यानमाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम में डॉ. संजय जैन ने बताया कि यह पुस्तिका जिले के विद्यार्थियों और जन-साधारण के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। जिसका लाभ लेकर वह अपने पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर को सुदृढ़ कर सकेंगे। वेबीनार में डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान द्वारा समय-समय पर लोगों का मार्गदर्शन किया जाता रहा है। इस अवसर पर नीता सोलंकी, डॉ. कीर्ति दीक्षित, प्रीति ठाकुर, डॉ. निशा रिछारिया, आभा बाधवा, देवेंद्र सैनी, शैलेंद्र तिवारी, अंकिता श्रीवास्तव, मनोज सिसोदिया आदि मौजूद रहे।