चुनाव में अपनों से चुनौती : मुलायम-साधना की लव स्टोरी और अखिलेश की टेंशन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के कारण सियासत काफी गरम है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना के बीच जुबानी जंग भी निरंतर तेज हो रही है। यूपी में चुनावी मौसम में एक बार फिर सपा संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव चर्चाओं में हैं। बेशक वह स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, मगर मुलायम के बगैर सपा की बात करना अधूरा जान पड़ता है। छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में जाने के बाद मुलायम सिंह की चर्चाएं भी कम नहीं हो रही हैं। फिर चर्चाओं में एक प्रेम कहानी
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की लव स्टोरी भी सियासी गलियारों में फिर विचार-विमर्श में आ गई है। मुलायम और साधना की लव स्टोरी पर पहले भी खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं। दरअसल भाजपा का दामन थाम चुकीं अपर्णा यादव की शादी मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव के साथ हुई है। मुलायम और साधना के मिलन से जीवन साथी बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। यूपी के जनपद औरैया के बिधूना निवासी कमलापति की बेटी साधना 23 साल की उम्र में नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी। राजनीति के प्रति भी साधना की दिलचस्पी थी। वह राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल भी हुई थीं। 40 साल पुराना किस्सा
इस बीच मुलायम सिंह की नजरें साधना से दो-चार हो गई थीं। लेखिका सुनीता ऐरोन ने सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ लिखी थी। इसमें उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी का भी जिक्र किया है। सुनीता एरोन के मुताबिक शुरूआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुर्इं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की। सुनीता एरोन लिखती हैं कि मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मुलायम की मां मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। साधना ने बचाई थी मुलायम की मां की जान
उस समय साधना वहां मौजूद थीं। उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया था। साधना के कारण मूर्ति देवी की जिंदगी बच गई थी। इस घटनाक्रम ने मुलायम के मन में साधना के प्रति सहानुभूति बढ़ा दी थी। इसके बाद दोनों के बीच मेल-मिलाप बढ़ता गया। उस समय अखिलेश यादव पढ़ाई कर रहे थे। साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरूआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्शन का आइडिया था। मुलायम सिंह यादव और साधना की लव स्टोरी के एकमात्र गवाह अमर सिंह थे। वह अब दुनिया में नहीं हैं। साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है, मगर उन्होंने किसी से इस बारे में जिक्र नहीं किया। दरअसल उस समय मुलायम के घर में पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश थे। तब अखिलेश को पड़ा था चांटा
कारवां मैगजीन में नेहा दीक्षित ने इस कहानी पर लिखा था। उन्होंने बिना नाम छापे परिवार के खास लोगों के हवाले से लिखा कि साल 1988 में पहली बार मुलायम ने अखिलेश को साधना गुप्ता से मिलवाया। तब वह सिर्फ 15 साल के थे। उसी समय अखिलेश को साधना अच्छी नहीं लगीं। एक बार तो साधना ने उन्हें थप्पड़ तक मार दिया था। कुछ समय बाद उन्हें पढ़ाई के लिए पहले इटावा फिर धौलपुर राजस्थान भेज दिया गया। मुलायम की जिंदगी में साधना की एंट्री 1988 और 1989 के दौर में हुई थी। मुलायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। तब से वह साधना को लकी मानने लगे। 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति के केस में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया था। शपथ पत्र में उन्होंने माना था कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है। अखिलेश अपने पिता से काफी नाराज थे।