दूसरे दिन की गई मुफ्ती-ए-आजम हिंद, रेहान-ए-मिल्लत के कुल शरीफ की रस्म अदा
उदय भूमि ब्यूरो
बरेली। 102 वे उर्स-ए-रज़वी के दूसरे दिन मुफ्ती-ए-आजम हिंद, हजऱत जिलानी मियां साहब व रेहान-ए-मिल्लत के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। बाद नमाज ए फजर कुरानख्वानी हुई।इसके बाद दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मिया) की सदारत व उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में महफिल का आगाज कारी रिजवान रजा ने तिलावत ए कुरान से किया। नातख्वा आसिम नूरी व हाजी गुलाम सुब्हानी ने मिलाद का नजराना पेश किया। जहाँ एक तरफ आज तमाम अकीदतमंदों ने दरगाह पर पहुँच कर गुलपोशी व चादर पोशी की वही सियासी पार्टियों की भी चादर चढ़ी। आज इंग्लैड से वर्ल्ड इस्लामिक मिशन के सेक्टरी अल्लामा कमरुज़्जमा आजमी ने आज ऑनलाइन खिताब करते हुए कहा कि उन जैसा जहीन, फकीह,आशिके रसूल नातगो, मुहद्दिस, आलिम, मुसन्निफ कहा पैदा होता है। जिसकी शहादत पूरी सदी दे रही है। मुफ्ती सलीम नूरी ने अपनी तकऱीर में कहा कि आपने दीनी व दुनियावी ऐसे-ऐसे कारनामों को अंजाम दिया आज पूरी दुनिया ने आपको 14 वी सदी का मुजद्दीद मान लिया। आला हजरत के घराने का जंगे आज़ादी में भी अहम रोल रहा। कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी व मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम ने रेहान-ए-मिल्लत को खिराज़ पेश करते हुए कहा कि आपने मसलक के फरोग के लिए पूरी दुनिया मे दौरे कर मसलक की पहचान करायी। सुबह सात बजकर दस मिनट पर हजऱत जिलानी मियां व 9 बजकर 58 मिनट पर रेहाने मिल्लत के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। फातिहा कारी सखावत व मुफ्ती अख्तर ने पड़ी। मुफ्ती आकिल रज़वी ने मुल्क में शांति-अमन और कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि बाद नमाज़ ए ईशा (रात 9 बजे) महफि़ल का आगाज हुआ। मौलाना मुख्तार बहेडवी, कारी सखावत, मुफ़्ती सलीम नूरी, मुफ़्ती अख्तर सैफी, मुफ़्ती जमील, मुफ्ती कफील हाशमी ने खिताब किया। उर्स का लाइव ऑडियो प्रसारण आईटी हेड ज़ुबैर रज़ा खान ने किया । मुशायरे में पूरी दुनिया से लगभग एक लाख लोग जुड़े। उर्स की व्यवस्था राशिद अली खान, हाजी जावेद खान, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, नासिर कुरैशी, परवेज़ नूरी, औररंगज़ेब नूरी, ताहिर अल्वी, मंज़ूर खान, तारिक सईद, शान रज़ा, आसिफ रज़ा, सय्यद जुनैद, यूनुस साबरी, गौहर खान, फारूक खान, हाजी शकील, आरिफ रजा, सुहैल खान, एडवोकेट काशिफ, साजिद नूरी, रईस रज़ा, मोहसिन रज़ा, सय्यद माजिद, आलेनबी, काशिफ सुब्हानी, शारिक बरकाती, नईम नूरी, इरशाद रज़ा, जावेद रजा, मुस्तकीम नूरी, सबलू रजा, आसिफ नूरी, इशरत नूरी, हाजी अब्बास नूरी ने संभाली।
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बाक्स
14 अक्टूबर के बाद नमाज ए फजर कुरानख्वानी होगी। इसके बाद महफि़ल का आगाज होगा। दोपहर 2.38 मिनट पर आला हजरत के कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का समापन होगा।