नौकरी छूटने पर बन लुटेरे, रिटायर एलआईसी ऑफिसर के घर की लाखों की लूट, दो गिरफ्तार

 

गाजियाबाद। इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में करीब 12 दिन पूर्व रिटायर एलआईसी ऑफिसर के घर हुई लूट का इंदिरापुरम पुलिस ने खुलासा करते हुए दो शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से हजारों रुपए की नगदी, ज्वैलरी बरामद किया है। पकड़े गए आरोपियों ने लूट से करीब तीन दिन पूर्व तक किराए पर घर लेने के बहाने पूरी रैकी कर ली थी। जिसके बाद से गत 27 जून को लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।

इंदिरापुरम थाने में शनिवार को घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेन्द्र सिंह ने सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा की मौजूदगी में बताया कि एसएचओ देवपाल सिंह, एसआई दीपक कुमार की संयुक्त टीम ने शुक्रवार देर रात ग्रीन बैल्ट एलीवेटिड रोड पीलर नंबर-67 के पास से प्रतीक श्रीवास्तव पुत्र सुरेश चन्द श्रीवास्तव निवासी सैक्टर-13 वंसुधरा, कबीर दुबे पुत्र विरेन्द्र दुबे निवासी इंदिरापुरम को गिरफ्तार किया। जिनकी निशानदेही पर सोने की हार, मंगलसूत्र, टॉप्स, चैन, चांदी की चन, पांच जोडी पायल, बच्चों के कड़े, छोटे-बड़ा सिक्के पूजा वाले, चांदी का दस का नोट, बिछुवा, पांच सिक्के, पांच पसास व पांच बीस के नोट (न्यूजीलैण्ड करेंसी 350 डॉलर) 5300 रुपए (भारतीय) बरामद किया गया। आरोपी प्रतीक ने प्राइवेट नौकरी छूट जाने और रुपयों की जरूरत होने पर लूट की साजिश रची थी।
एसपी सिटी ने बताया कि इंदिरापुरम स्थित वसुंधरा सेक्टर-15 में एलआईसी के रिटायर अधिकारी ललित जोशी अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। 27 जून को दो लोग किराए का मकान पूछने के बहाने घर में घुसे और ललित जोशी को बंधक बनाकर 12 हजार रुपए व ज्वेलरी लूटकर फरार हो गए।

19 जून को प्रतीक श्रीवास्तव मकान देखने के लिए ललित जोशी के यहां गया था। जिसके बाद दोबारा अपने साथी कबीर दुबे को लेकर 24 जून को ललित जोशी के घर पहुंचा। प्रतीक श्रीवास्तव एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। नौकरी छूट जाने के बाद उसे रुपयों की जरूरत थी। इसलिए दो-तीन बार जाने पर मकान अच्छा खासा लगने के बाद उन्होंने लूटने की योजना बनाई। 27 जून को फिर मकान देखने के बहार वहां पहुंच गए और लूटपाट की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। दोनों आरोपी घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। एक आरोपी प्रतीक श्रीवास्तव के नाम की पुष्टि खुद पीडि़त ललित जोशी ने ही कर दी थी। लेकिन उसका पता और मोबाइल नंबर की कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस ने फेसबुक पर प्रतीक श्रीवास्तव नाम के अकाउंट खंगलना शुरु कर दिया। आखिरकार पुलिस आरोपी प्रतीक के फेसबुक अकाउंट तक पहुंच गई। आरोपी की पहचान उसके जूतों से हुई। लूट के दौरान जो जूते पहने हुए थे, वही जूते फेसबुक पर अपलोड एक फोटो में भी थे। इस तरह पुलिस प्रतीक और उसके साथी कबीर तक पहुंची। पकड़े गए आरोपी रात कहीं भागने की फिराक में थे, जिन्हे गिरफ्तार कर लिया गया।