कम्प्यूटर ऑपरेटर ने गैंगस्टर हाशिम बाबा के नाम पर कंपनी मालिक से मांगी 10 लाख की रंगदारी

मोबाइल के ईमेल ने खोल दिया युवक का राज, पत्नी के इलाज के लिए अनिल ने मालिक से 40 हजार रुपए उधार मांगे थे। मगर मालिक ने देने से मना कर दिया। अनिल को मालूम था कि मालिक के बैंक खाते में करीब 5 से 6 लाख रुपए है। जब मालिक ने रुपए देने से मना कर दिया तो उसने तरीका अपनाया। जिसके बाद आरोपी युवक ने गूगल प्ले स्टोर से सिक्योर वीपीएन नाम का एक सॉफ्टवेयर/ऐप अपने मोबाइल में डाउनलोड किया।

गाजियाबाद। कंपनी मालिक से 10 लाख की रंगदारी मांगने वाले आरोपी को साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी उसी कंपनी कम्प्यूटर ऑपरेटर है। आरोपी ने दिल्ली-एनसीआर के चर्चित गैंगस्टर हासिम बाबा के नाम से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी न देने पर परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दे डाली। उक्त मामले में कंपनी मालिक ने साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर, सर्विलांस की मदद से आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बीवी के उपचार के लिए यह योजना बनाई थी।

एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया निरीक्षक अपराध अखिलेश मिश्रा, इंस्पेक्टर करतार सिंह, एसआई रामबीर सिंह की संयुक्त टीम ने शुक्रवार देर शाम कंपनी के मालिक से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने वाले अनिल कुमार पुत्र राघव सिंह निवासी अशोक वाटिका गरिमा गार्डन टीला मोड को घर से गिरफ्तार किया गया। राजेन्द्र नगर में सुपर केलिवेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आरके श्रीवास्तव की कंपनी है। कंपनी की ईमेल आईडी पर 11, 12, 14 और 16 जून को ईमेल करके हाशिम बाबा के नाम से अनिल कुमार ने आरके श्रीवास्तव से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई। पैसा न देने पर परिवार को खत्म करने की धमकी दी गई थी। पकड़ा गया आरोपी इसी कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर है। आरोपी की बीवी दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती है। उसे इलाज के लिए रुपयों की जरूरत थी, जिसके लिए आरोपी ने रंगदारी मांगी। जिसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल भी बरामद किया है।

एसपी द्वितीय ने बताया कि पुलिस पूछताछ में पता चला कि अनिल को कंपनी में 13,500 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। जिससे उसका घर खर्च मुश्किल से चल पाता है। इसी बीच उसकी पत्नी भी बीमार हो गई। जिसे उपचार के लिए दिल्ली के जीटीबी में भर्ती कराया। जिसके इलाज में काफी रुपए खर्च हो रहे थे। पत्नी के इलाज के लिए अनिल ने मालिक से 40 हजार रुपए उधार मांगे थे। मगर मालिक ने देने से मना कर दिया। अनिल को मालूम था कि मालिक के बैंक खाते में करीब 5 से 6 लाख रुपए है। जब मालिक ने रुपए देने से मना कर दिया तो उसने तरीका अपनाया। जिसके बाद आरोपी युवक ने गूगल प्ले स्टोर से सिक्योर वीपीएन नाम का एक सॉफ्टवेयर/ऐप अपने मोबाइल में डाउनलोड किया। जिसके बाद मोबाइल का ओरिजनल वीपीएन नंबर दुसरा शो होने लगा।

सीओ साहिबाबाद अंशु जैन ने बताया कि अनिल ने इंटरनेट पर दुर्दांत अपराधी हाशिम बाबा के बारे में सर्च किया और पता चला कि हाशिम रंगदारी वसूलता है और रुपए नही देने पर मार देता है। जिससे लोगों को डर लगता है। जिसके बाद आरोपी ने हाशिम बाबा के नाम से ईमेल आईडी बनाई हाशिम बाबा दिल्ली-एनसीआर का गैंगस्टर है और उस पर पांच लाख रुपए का इनाम भी रहा है। उसे पता था कि अगर हाशिम बाबा के नाम से रंगदारी मांगी तो उसे पैसे जल्दी मिल जाएंगे और पुलिस को भी पता नही चलेगा। जब कंपनी मालिक आरके श्रीवास्तव साहिबाबाद थाने में शिकायती पत्र देने के लिए गये तो शिकायत पत्र भी अनिल ने ही टाइप किया था। जब पुलिस ने आरोपी को मोबाइल लेकर जांच की तो मोबाइल के प्रथम पृष्ठ पर ही मेल का आइकन था। उसे चेक करने पर हाशिम बाबाद गैंग की मेल आईडी ओपन थी और वीपीएन के एड्रेस को छिपाने के लिए एसे सिक्योर वीपीएन ऐप मोबाइल में डाउनलोड किया हुआ था। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।