आबकारी विभाग की सख्ती का असर, ऑकेजनल बार लाइसेंस में हुई 39 लाख की कमाई

-ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने वाले आवेदकों की बढ़ी संख्या
– राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को हासिल करने के साथ शराब तस्करों कसा शिकंजा
-बिना लाइसेंस के पार्टी करने वालों पर सख्ती का असर, दिसंबर में जारी हुए 357 लाइसेंस

गाजियाबाद। आबकारी विभाग शराब तस्करों पर शिकंजा कस रहा हैं। इससे दुकानों से शराब की खूब बिक्री हो रही है। प्रतिदिन करीब 4 से पांच करोड़ रुपये की शराब बिकने से सरकार का खजाना भर रहा है। जनपद में अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के साथ-साथ आबकारी विभाग की टीम यूपी सरकार के खजाने को भरने में पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। जिस तरह से शराब तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है, इससे दुकानों से शराब की खूब बिक्री हो रही है। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफियाओं की भी कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। आबकारी विभाग की सख्ती का असर है कि नववर्ष पर शराब माफिया अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए और गाजियाबाद में नववर्ष से पूर्व आबकारी विभाग को एक दिन में 8 करोड़ का राजस्व हासिल हुआ है। इसके अतिरिक्त दिसंबर माह में ऑकेजनल लाइसेंस लेने वालों की संख्या भी अधिक हुई है। भले ही आबकारी विभाग की कार्रवाई पर लोग उंगली उठाते हो, मगर रोजाना दर्शाए जाने वाले आंकड़े से यह तो साफ हो गया है कि आबकारी विभाग ने शराब तस्करों पर अपना शिकंजा कसा हुआ है। जिस कारण अब शराब माफिया गाजियाबाद जिले में अपने अवैध धंधे को करने से बच रहे है या फिर डर के कारण कहीं और अपना नया ठिकाना शुरु कर दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने में आबकारी राजस्व के रूप में रकम जुटाने में गाजियाबाद अहम भूमिका निभा रहा है। जिसमें हर वर्ष पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। गाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ है और गाजियाबाद को दिल्ली से जोडऩे वाले लगभग दो तीन दर्जन से अधिक चोर रास्ते हैं। जिन रास्तों से लोग दिल्ली से गाजियाबाद में आसानी से शराब लाकर तस्करी करते है। दोनों राज्यों में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा शराब की कीमत कम है। कई वर्षों से यहां बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी होती थी। हरियाणा के तस्कर तो शराब की होम डिलीवरी भी करते थे। मगर आबकारी अधिकारी की सख्ती के चलते शराब तस्करी पर अंकुश लगा है। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीम ने भी पूरी मेहनत की है। आबकारी विभाग की सख्ती के चलते ही बाहरी राज्यों में होने वाली शराब तस्करी की घटना पर रोक लग सकी है। साथ ही दिल्ली से चोरी-छिपे शराब तस्करी करने वालों में भी अब कमी आई है। आबकारी विभाग अवैध शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान तो चलाता ही है। मगर इस हथियार को धार देते हुए इस बार आबकारी विभाग ने त्योहार से पूर्व ही अपनी नई नीति पर काम करना शुरु किया।

जिसमें आबकारी विभाग को सफलता भी मिली। जिला आबकारी अधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरुकता अभियान तो चलाया ही, साथ इसके अलावा शहर व देहात क्षेत्र के लोगों को जोडऩे के लिए नया अभियान शुरु किया। जिसमें पहले शहरी क्षेत्र के पार्षद, चौकीदार, व्यापार मंडलों के अध्यक्ष और ग्रामीण क्षेत्र के सभासद, ग्राम प्रधान, चौकीदारों की सूची तैयार की। जिसके बाद उन्हें मैसेज कर अवैध शराब के खिलाफ जागरुक किया गया और कार्रवाई में सहयोगी अपील की गई। उसके बाद उन्हें फोन से वार्ता कर अवैध शराब के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में जुड़ने की अपील की गई। इसके अलावा आबकारी विभाग ने अपने कार्यालय में कंट्रोल रुम भी स्थापित किया। जिसके लिए एक नंबर भी जारी किया। जिस पर आने वाली शिकायतों और सूचना पर तत्काल कार्रवाई की गई। आबकारी विभाग की मुहिम से जागरूक होकर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने भी अपना समर्थन दिया।

दिसंबर माह में जारी हुए 357 लाइसेंस
आबकारी विभाग की जागरूकता और कार्रवाई के डर से इस बार ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने वालों की संख्या अधिक रही। दिसंबर माह में आबकारी विभाग की ओर से 357 लाइसेंस जारी किए। जिसमें आबकारी विभाग को करीब 39 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। आबकारी विभाग की टीम ने बिना लाइसेंस के पार्टी करने वालों पर पूरी तरह से अपना शिकंजा कसा। अभियान के तहत प्रतिदिन बिना लाइसेंस लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई और होटल, बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल व बार, रेस्टोरेंट संचालकों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बिना लाइसेंस के शराब पार्टी का आयोजन हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग की कार्रवाई के डर से लाइसेंस लेने वाले आवेदकों की संख्या बढ़ी।

राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया अवैध शराब के खिलाफ जिले में लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही लोगों को भी अवैध शराब के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। आगे भी जनपद में शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती बरती जा रही है। आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। राजस्व में वृद्धि करना विभाग की प्राथमिकता में शुमार है। जिसके लिए समय-समय पर हर संभव प्रयास किए जा रहे है। जनपद में कोई भी अवैध शराब बिक्री, तस्करी करता पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।