गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर समेत पांच जिला आबकारी अधिकारियों को आबकारी आयुक्त ने सौंपा प्रशस्ति पत्र

उत्कृष्ठ एवं प्रशंसनीय कार्य की हुई सराहना, शराब माफिया के खिलाफ कार्यवाही के साथ राजस्व में की बढ़ोत्तरी

लखनऊ/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में अगर देखा जाए तो ज्यादातर विभागों में ऐसे भी विभाग है, जहां उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें सम्मानित या फिर पुरस्कृत किया जाता है। मगर इन सबके बीच एक ऐसा भी विभाग है, जो सिर्फ काम को ही अपना सम्मान मानता है। लेकिन उसके बाद भी आबकारी विभाग को तरह-तरह के झूठे आरोपों के बीच से होकर कार्य करना पड़ता है। जबकि अन्य विभागों में अच्छे कार्य करने पर सरकार व उनके विभाग द्वारा सम्मान किया जाता है। उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली को देखा जाए तो अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के साथ-साथ लोगों के जीवन में उजियारा भरने का सबसे ज्यादा काम करता है। इसके अलावा सरकारी खजाने को भरने में भी अपनी अहम भूमिका निर्वहन करते नजर आता है। दरअसल प्रदेश के हर जनपदों में शराब माफिया अपने कारोबार को जमाने के लिए अवैध शराब का निर्माण, परिवहन एवं तस्करी करते है। यह शराब मिलावटी और जानलेवा होती है। बीच-बीच में प्रदेश के कई जनपदों में अवैध शराब के सेवन से मौत की खबर भी आती रहती है। लोग सस्ती के चक्कर में अपनी जीवन के साथ खिलवाड़ न करें। जिसके लिए आबकारी विभाग लोगों के बीच जाकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करता रहता है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर समेत पांच जिला आबकारी अधिकारियों को वर्ष 23-24 में अप्रैल से दिसम्बर माह तक आबकारी विभाग के राजस्व वृद्धि करने और शराब माफिया के खिलाफ बेहतर कार्यवाही करने पर इस वर्ष आबकारी आयुक्त की ओर से 26 जनवरी को प्रशस्ति पत्र देकर उनका मनोबल बढ़ाया गया।
26 जनवरी को गाजियाबाद जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह, गौतमबुद्ध नगर सुबोध कुमार श्रीवास्तव, शामली जिला आबकारी अधिकारी कुंवर पाल सिंह, लखनऊ जिला आबकारी अधिकारी सुशील कुमार मिश्रा, लखीमपुर खीरी जिला आबकारी अधिकारी राजवीर सिंह को उनके उत्कृष्ट एवं प्रशंसनीय कार्यों के लिए आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी. ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। किसी भी अधिकारी के लिए इससे बढकर और क्या हो सकता है, विभाग का मुखिया उनको सम्मानित कर रहा हो। प्रशस्ति पत्र पाकर आबकारी अधिकारियों का मन भी प्रसन्न हो गया, क्योंकि जिले में रहकर उन्हें किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है, वह अधिकारी ही जानते है। वर्ष 2023-24 की अवधि में प्रतिबद्धता के साथ किये गए उत्कृष्ट एवं प्रशंसनीय कार्य के लिए विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। जिससे यह अधिकारी भविष्य में इसी प्रतिबद्धता एवं मनोयोग के साथ कर्तव्यों के निर्वहन से विभाग की छवि बनाये रखेंगे। आपको बता दें कि गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर सबसे संवेदनशील जनपद है, जो दिल्ली और हरियाणा से सटे हुए है। सर्वाधिक राजस्व प्रदान करने वाले जनपद है। जहां बाहरी राज्यों से शराब तस्करी होने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। अगर कहीं बाहर राज्यों में शराब तस्करी होती है तो वह गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर होते हुए ही होती है, मगर गाजियाबाद में जिला आबकारी आबकारी अधिकारी ने अपनी बेहतर कार्यवाही के चलते शराब माफिया को धूल चटाने का काम किया है। जिसका परिणाम यह रहा है कि गाजियाबाद में आबकारी विभाग के राजस्व में हर साल बढ़ोतरी हो रही है।
नतीजा यह है कि आज गाजियाबाद में शराब माफिया अपने अवैध धंधे को जमाने से बचते है। बाहरी राज्यों में शराब सप्लाई के लिए भी दूसरा रास्ता अपनाने को मजबूर है। उनके कार्यकाल के दौरान अवैध शराब के ठिकानों और अवैध शराब की तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार छापेमारी कर कार्यवाही की गयी। जिससे सरकार को काफी राजस्व प्राप्त हुआ साथ ही कई माफिया आज जेल में सलाखें गिनने को मजबूर है। जिला आबकारी अधिकारी ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा यह कार्य बिना टीम वर्क के नहीं हो सकता है। अधिकारियों के सहयोग और टीम की बेहतर कोर्डिनेशन से हम यह काम कर पाते हैं, हमें काम करने की प्रेरणा मिलती है। इसी तरह गौतमबुद्ध नगर में भी आबकारी अधिकारी को चार्ज लिए भले ही करीब 7 माह हुए है, उन्होंने भी सबसे पहले शराब तस्करों के कारोबार को जड़ से खत्म करने की नीति पर काम किया। परिणाम यह रहा कि पिछले वर्ष से अधिक इस वर्ष राजस्व की वृद्धि हुई है। गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में जागरूकता का प्रभाव ज्यादातर देखने को मिला। जिसमें आज परिस्थितियां यह है कि आज जिले के लोग भी आबकारी अधिकारियों को उनके क्षेत्र में होने वाले अवैध शराब के कारोबारी की सूचना देते है, जिस पर आबकारी विभाग कार्रवाई भी करता है।

ईमानदार प्रयास और कड़ी मेहनत का सभी जगह सम्मान होता है। और सच भी है काम करने वालों का हमेशा ही सम्मान होता है। सभी आबकारी अधिकारियों ने पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। खुशी और सभी को गर्व करने की बात है कि इनके कार्यकाल में अवैध शराब को लेकर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की कोई शिकायत नहीं आयी। किसी भी तरह के अनुशासनात्मक कार्यवाही की स्थिति नहीं बनी। जो निश्चित रूप से बेहद प्रशंसनीय है। सभी ने अपने कार्यकाल में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने में बेहतर भूमिका निभाई है। आशा करता हॅू इसी तरह आगे भी आप सब कार्य करतें रहेंगे। जिससे उत्तर प्रदेश को अवैध शराब के चंगुल से मुक्त कर उत्तम प्रदेश बनाया जा सकें।

सेंथिल पांडियन सी.
आबकारी आयुक्त