जीडीए ने शास्त्रीनगर में बुलडोजर चलाकर कब्जामुक्त कराई 3 करोड़ की जमीन

-सिद्धार्थ विहार डूब क्षेत्र विकसित की जा रही अनाधिकृत कॉलोनी को किया ध्वस्त

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की शास्त्रीनगर में सी ब्लॉक में कुलदीप त्यागी द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर डाले गए करीब 500 वर्गमीटर जमीन पर बुलडोजर चलाकर प्रवर्तन दस्ते की टीम ने करीब 3 करोड़ रुपए की जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया।
वहीं,सिद्धार्थ विहार डूब क्षेत्र में अवैध रूप से करीब 50 हजार वर्गमीटर जमीन में काटी जा रही अनाधिकृत कॉलोनी में बुलडोजर चलाकर निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार ङ्क्षसंह एवं जीडीए सचिव बृजेश कुमार के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश के क्रम में मंगलवार को यह बड़ी कार्रवाई की गई। जीडीए प्रवर्तन जोन-4 के प्रभारी अधिशासी अभियंता राकेश कुमार सिंह ने स्वयं मौके पर खड़े होकर जोन के सहायक अभियंता प्रबुद्ध राज सिंह,दान सिंह मेहरा,अजित कुमार सिंह एवं अवर अभियंता मनोज वशिष्ठ, गणेश चंद जोशी, चंद्रमौलि पांडेय, अनिल कुमार सिंह व जीडीए पुलिस और कविनगर व विजयनगर थाना पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।

जीडीए प्रवर्तन जोन-4 के प्रभारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शास्त्रीनगर सी ब्लॉक में कुलदीप त्यागी ने जीडीए की अवैध रूप से कब्जा कर 500 वर्गमीटर जमीन पर डाले गए टीन शेड व कमरे को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। वर्तमान में इस जमीन की करीब 3 करोड़ रुपए कीमत है। इसके अलावा सिद्धार्थ विहार डूब क्षेत्र में करीब 50 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में अब्दुल गनी पुत्र हरीश मियां निवासी-164 संदपी एंक्लेव ग्राम अकबरपुर-बहरामपुर व राजेश, अमित उर्फ सोनू द्वारा विकसित की जा रही अनाधिकृत कॉलोनी में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण तोड़े गए।

इस दौरान लगभग 100 भूखंडों की बाउंड्रीवाल को ध्वस्त किया गया। वहीं, करीब 25 अवैध मकान, साइट ऑफिस, सड़क, बिजली पोल आदि को ध्वस्त किया गया। जीडीए की इस कार्रवाई के दौरान कॉलोनाइजर एवं निर्माण करने वालों ने जमकर भीड़ के साथ हंगामा किया। मगर पुलिस फोर्स ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। प्रवर्तन जोन के प्रभारी ने अपील करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों में किसी प्रकार के प्लॉट न खरीदें और न ही बेचे। प्लॉट खरीदने से पहले जीडीए से इसकी पूरी जानकारी कर लें।अन्यथा अवैध होने के चलते इसे तोड़ा जाएगा।