टूटी सीएम की चुप्पी, कहा-खामोशी का मतलब कमजोर नहीं

बोले उद्धव ठाकरे, सही वक्त पर मिलेगा हर जबाव

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत से विवाद के बीच उन्होंने कहा कि सही वक्त आने पर वह जबाव देंगे। मैं खामोश हूं, इसका मतलब यह नहीं कि कमजोर हूं। महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश कभी सफल नहीं हो पाएगी। फिलहाल कोविड-19 (कोरोना वायरस) से निपटना जरूरी है। इसके मद्देनजर 15 सितम्बर से स्वास्थ्य जांच मिशन की शुरुआत की जाएगी। मेडिकल टीम डोर-टू-डोर नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच करेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र को बदनाम करने की राजनीति पर वह कुछ नहीं बोलेंगे। सही वक्त पर प्रत्येक सवाल का जबाव दिया जाएगा। इसके लिए मुझे सीएम के प्रोटोकॉल को थोड़े समय के लिए अलग रखना होगा। अभी सरकार का पूरा फोकस कोरोना की रोकथाम एवं बचाव पर है। उन्होंने कहा कि दिसंबर या जनवरी तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि सूबे में 15 सितम्बर से डोर-टू-डोर स्वास्थ्य जांच शुरू की जाएगी। मेडिकल टीमें हर घर का दौरा कर नागरिकों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी। ऑक्सीजन की कमी है। जिसे खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने 29.5 लाख किसानों को कर्ज मुक्त किया है। इस वर्ष रिकॉर्ड कपास की खरीद की है। राज्यभर में 3.60 लाख बेड बढ़ाए गए हैं। कोरोना के खिलाफ मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी नामक अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी कोशिश है कि मराठा आरक्षण मिले। इस संबंध में विपक्ष से भी बात की की गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी है, मगर हरसंभव कोशिश करेंगे कि आपको पूरा न्याय मिले।