corona infection – तीसरी लहर का आगाज !

corona infection अभी गया नहीं है, मगर हम नहीं सुधरेंगे ? हम कभी नहीं सुधरेंगे ? हम सुधर कर भी क्या करेंगे ? देश में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर का खतरा हर पल तेजी से बढ़ रहा है। दूसरी लहर में भयावह हालात का सामना करने के बावजूद नागरिकों की मानसिकता नहीं बदली है। अव्वल दर्जे की लापरवाही बरत कर जान जोखिम में डालने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। दूसरी लहर अभी पूरी तरह थमी भी नहीं है कि मनमर्जी शुरू हो गई है।

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन

यदि देश के जाने-माने भौतिकी विज्ञानी डॉ. विपिन श्रीवास्तव के दावे पर यकीन करें तो भारत में corona infection की तीसरी लहर आरंभ हो चुकी है। डॉ. श्रीवास्तव के बयान के मुताबिक तीसरी लहर की शुरुआत 4 जुलाई से हो गई है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रो-वाइस-चांसलर डॉ. श्रीवास्तव के दावे से देशभर में एकाएक सनसनी फैल गई है। केंद्र एवं राज्य सरकारों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के माथे पर बल पड़ गए हैं। भौतिकी विज्ञानी ने नागरिकों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। ऐसा न होने की स्थिति में तीसरी लहर के रफ्तार पकड़ लेने की संभावना से इंकार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा है कि तीसरी लहर की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क का प्रयोग और वैक्सीनेशन जैसे प्रोटोकॉल का हर सूरत में पालन करना चाहिए।

हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़

corona infection ने पिछले डेढ़ साल से ज्यादा से कोहराम मचा रखा है। यह महामारी पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में समूची दुनिया को बेचैनी, डर, घबराहट और दहशत में जीना पड़ रहा है। मार्च-2020 से अब तक भारत में corona infection की 2 लहर आ चुकी हैं। दूसरी लहर ने पहली लहर से अधिक तबाही मचाई थी। दूसरी लहर का प्रकोप अभी बरकरार है। इस बीच संभावित तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है। केंद्र सरकार द्वारा बार-बार आग्रह करने के बाद भी नागरिकों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। परिस्थितियां जरा सामान्य होने के बाद कोरोना प्रोटोकॉल को तिलांजलि दे दी गई है। अपनी और परिवार की जान की फिक्र छोड़ नागरिकों ने एकाएक हिल स्टेशन का रूख करना शुरू कर दिया है। विभिन्न हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की बढ़ती भीड़ ने सरकार को टेंशन में डाल दिया है।

कोरोना के साथ जीने की आदत

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्थिति पर चिंता प्रकट कर चुके हैं। हरिद्वार, मसूरी, नैनीताल, कुल्लू मनाली, जम्मू-कश्मीर आदि में नागरिकों का सपरिवार सैर-सपाटा रूक नहीं रहा है। कोरोना काल में एक तरफ बड़ी आबादी दो जून की रोटी का इंतजाम न होने से परेशान है, वहीं कुछ धनाड्य परिवार हिल स्टेशनों पर सैर-सपाटा के नाम पर पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। सरकार ने घूमने-फिरने पर पाबंदी नहीं लगाई है, मगर कोरोना प्रोटोकॉल की अनदेखी कर बेफ्रिक होकर घूमना कतई ठीक नहीं है। कई देश आज corona infection की तीसरी और चौथी लहर का सामना कर रहे हैं। इजरायल तक में कोरोना संक्रमण की वापसी हो चुकी है। कुछ समय पहले इजरायल को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया था। वहां तमाम पाबंदियां हटा ली गई थीं। मास्क की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई थी, मगर वर्तमान में इजरायल को भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने परेशान कर दिया है। इजरायल सरकार को कहना पड़ा है कि नागरिकों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। जरूरी सावधानियां बरत कर जीवन यापन करना मजबूरी है।

नागरिकों की ढिलाई

भारत में 2 बार ठोकर खाने के बाद भी नागरिकों का ना संभलना घोर लापरवाही को दर्शाता है। सरकार और विशेषज्ञों की चेतावनी को नजरअंदाज कर मनमानी करना बड़ी भूल साबित होगी। देश में corona infection की तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी, यह देखना बाकी है। सिर्फ चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा। केंद्र एवं राज्य सरकारों को कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। धार्मिक स्थलों और हिल स्टेशनों पर भीड़ रोकने को तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। corona infection की तीसरी लहर की संभावना और नागरिकों की ढिलाई पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी गहरी चिंता जाहिर की है। आईएमए ने कहा है कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थ यात्राएं, धार्मिक आयोजन आवश्यक हैं, मगर कुछ और माह इंतजार किया जा सकता है। वैश्विक रूप से मिले साक्ष्य और किसी भी महामारी के इतिहास से यह मालूम पड़ता है कि कोरोना की तीसरी लहर नजदीक है। इस नाजुक समय में जब हर किसी को तीसरी लहर की संभावना कम करने को योगदान देने की जरूरत है, तब देश के कई हिस्सों में, सरकारें और नागरिक लापरवाही बरत रहे हैं।

आसमान छू रही महंगाई

देश में corona infection से निपटने के लिए वृहद स्तर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है। फिलहाल कोविशील्ड, को-वैक्सीन और स्पूतनिक जैसी वैक्सीन उपलब्ध हैं। जल्द कुछ और वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी। विभिन्न राज्यों में वैक्सीन का टोटा देखने को मिल रहा है। जिस कारण वैक्सीनेशन कार्यक्रम को रफ्तार नहीं मिल पा रही है। नागरिकों को यह जानना जरूरी है कि corona infection ने अब तक न सिर्फ सेहत पर प्रतिकूल असर डाला है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है। अर्थव्यवस्था कमजोर होने और बड़ी संख्या में रोजगार समाप्त होने से बड़ा संकट सामने है। मध्यम वर्ग की आय कम हुई है। जबकि महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे वक्त में सभी की समान जिम्मेदारी है।

स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्याधिक दबाव

corona infection की तीसरी लहर को रोकना बेशक संभव नहीं है, मगर आवश्यक नियमों का पालन कर संभावित लहर को कमजोर करना हमारे हाथ में है। इसलिए समय रहते संभल जाना होगा, वरना सांप निकलने के बाद लकीर पीटने से कोई लाभ नहीं होगा। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्याधिक दबाव पड़ा है। कोरोना रूपी चुनौती से निपटने के लिए लापरवाही की आदत को छोड़ देना सभी के हित में है। देश एवं समाज हित में अच्छा नागरिक होने का फर्ज सभी को अदा करना चाहिए। corona infection किसी का सगा नहीं है। वह कब आपके शरीर और घर में प्रवेश कर जाएगा, कोई नहीं जानता।