गुवाहाटी में अब सीड्स ऑफ इनोसेंस केंद्र की शुरुआत

-सीड्स ऑफ इनोसेंस आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर का हुआ उद्घाटन
-सर्वोत्तम प्रजनन उपचार और विभिन्न बांझपन मुद्दों से युवा पीढ़ी में जागरुकता बढ़ाना: डॉ गौरी

गुवाहाटी। सीड्स ऑफ इनोसेंस, उत्तर भारत की आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर्स की अग्रणी श्रृंखला ने अत्याधुनिक उपचार और नैदानिक सुविधाओं के साथ गुवाहाटी में अपने पहले फर्टिलिटी क्लिनिक का शुक्रवार को उद्घाटन किया, जिसमें न केवल आईवीएफ बल्कि मेडिकल जेनेटिक्स भी शामिल हैं। आईवीएफ केंद्र का समर्पित फीटल मेडिसिन और मेडिकल जेनेटिक्स विभाग न केवल समग्र सफलता दर में सुधार करता है, बल्कि थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी 400 वंशानुगत बीमारियों से ग्रस्त दम्पत्तियों के लिए वरदान है। सीड्स ऑफ इनोसेंस असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज, बांझपन के इलाज, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी के प्रबंधन और जेनेटिक डायग्नोस्टिक्स में माहिर है।
रिंकी भुइयां सरमा, चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स ने यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर के चेयरमैन डॉ. दिनेश अरोड़ा, ग्रुप डायरेक्टर, डॉ. शशि अरोड़ा, ग्रुप डायरेक्टर, डॉ. रजत अरोड़ा और सीड्स ऑफ इनोसेंस एंड जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक्स की निदेशक और सह-संस्थापक, डॉ गौरी अग्रवाल की मौजूदगी में नए सेंटर का उद्घाटन किया। रिंकी असम की प्रमुख महिला उद्यमी हैं और असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा की अर्धांगिनी हैं। जबकि हम असम के मुख्यमंत्री, डॉ हिमंत बिस्वा सरमा के इस अवसर की शोभा बढ़ाने का इंतजार कर रहे थे, राज्य में हताहतों की संख्या और बाढ़ की स्थिति के कारण, सीएम साहब आने में असफल रहे। हम इस कठिन समय में असम के लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।

केंद्र को चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य सर्वोत्तम प्रजनन उपचार प्रदान करना और विभिन्न बांझपन मुद्दों से पीडि़त शहर की युवा आबादी की जागरूकता बढ़ाना है। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में लोगों के जीवन को चुनौती देने वाली बांझपन की समस्याओं को संबोधित करते हुए, सीड्स ऑफ इनोसेंस की योजना असम के अन्य शहरों में और अधिक आईवीएफ केंद्र लाने की है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सीड्स ऑफ इनोसेंस की रोडमैप योजना के तहत गुणवत्ता परामर्श और बांझपन के विश्वसनीय उपचार प्राप्त करने में असमर्थ युवा जोड़ें शामिल हैं, और हमने यह विश्वास की नीव गुवाहाटी से स्थापित की है, जो राज्य के अन्य क्षेत्रों में दूर से इलाज के लिए यात्रा करने वाले लोगों की मदद करने में एक अहम भूमिका निभाएगा। सीड्स ऑफ इनोसेंस इस क्षेत्र में एक समर्पित शिक्ष, उपचारक और बांझपन उपचार के परामर्शदाता के रूप में कार्य करने के लिए सत-प्रतिशत तैयार है।

डॉ गौरी अग्रवाल ने बताया कि आशी कॉम्प्लेक्स, जीएस रोड, भंगगढ़, गुवाहाटी में सीड्स ऑफ इनोसेंस का प्रमुख बांझपन केंद्र उन्नत बुनियादी ढांचे और चिकित्सकों की एक बहु-विषयक टीम के साथ संचालित है। केंद्र दूरदर्शी और प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ, डॉ गौरी अग्रवाल के दिमाग की उपज है, जो सीड्स ऑफ इनोसेंस की सह-संस्थापक भी हैं। उन्होंने बताया सीड्स ऑफ इनोसेंस के 8 भारतीय राज्यों में 14 आईवीएफ और फर्टिलिटी केंद्र हैं और 2017 में इन-हाउस आनुवंशिक परीक्षण प्रयोगशाला रखने वाला देश का पहला आईवीएफ केंद्र भी था। इसके अलावा, हम मानसिक आघात और तनाव जैसे अन्य बांझपन से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस केंद्र की स्थापना से, जोड़े उचित परामर्श और उपचार प्राप्त करने में सक्षम होंगे, जिसके परिणामस्वरूप स्वस्थ गर्भधारण होगा।

फर्टिलिटी सेंटर सीड्स ऑफ इनोसेंस का पहला उद्यम प्रजनन
डॉ अग्रवाल का कहना है कि फर्टिलिटी सेंटर सीड्स ऑफ इनोसेंस का देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पहला उद्यम प्रजनन चिकित्सा विशेषज्ञों की हमारी टीम, जिसमें भ्रूणविज्ञानी, एंड्रोलॉजिस्ट और परामर्शदाता शामिल हैं, हर जोड़े को बांझपन से उबरने और एक सफल गर्भावस्था बनाए रखने में मदद करती है। सीड्स ऑफ इनोसेंस में उच्च सफलता दर का श्रेय प्रसिद्ध प्रजनन विशेषज्ञों की हमारी टीम को दिया जाता है। यह फर्टिलिटी चेन सामाजिक, भौगोलिक या लॉजिस्टिक बाधाओं के परे, हर जरूरतमंद घर को सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) सेवाएं प्रदान करने का वादा करती है। सीड्स ऑफ इनोसेंस वर्तमान में बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत में 14+ केंद्र संचालित करता है।