दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का लोकार्पण

कृषकों एवं युवाओं के लिए अब दिल्ली दूरी नहीं : मोदी

मनाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का लोकार्पण किया। सामरिक दृष्टि से अटल टनल बेहद महत्वपूर्ण है। 9.02 किलोमीटर लंबी यह टनल मनाली को लाहौल स्फीति से जोड़ती है। अब मनाली और लेह के मध्य की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन किया। इस दरम्यान पीएम मोदी ने खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना पूरा हो गया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के नागरिकों को भी बड़ी सौगात मिल गई है। उन्होंने कहा कि अटल टनल लेह एवं लद्दाख की जीवन रेखा बनेगी। लेह-लद्दाख के कृषकों, बागवानों और युवाओं के लिए दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान होगी। अटल टनल से मनाली और केलांग के मध्य की दूरी कम होगी। अब 3 से 4 घंटे कम सफर करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अटल टनल भारत के बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ताकत देगी। यह विश्व स्तरीय बॉर्डर कनेक्टिविटी का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल में हिमालय क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, कारगिल, लेह-लद्दाख, उत्तराखंड एवं सिक्किम में विभिन्न प्रोजेक्ट्स पूर्ण किए गए हैं। अनेक प्रोजेक्ट्स पर गति से काम चल रहा है। अब से पहले बर्फबारी के कारण लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 माह तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अटल टनल को देशहित में बेहद उपयोगी कदम बताया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उधर, अटल टनल की खासियत कम नहीं है। इसके भीतर सुरक्षा के भरपूर प्रबंध किए गए हैं। प्रत्येक डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर टेलीफोन की सुविधा है। आपात स्थिति में टेलीफोन के जरिए संपर्क स्थापित किया जा सकता है। प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर अग्निशमन यंत्र के अलावा सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है। वायु की गुणवत्ता जांचने को मशीन लगाई गई है। रोहतांग दर्रे के नीचे अटल टनल के निर्माण का फैसला विगत 3 जून 2000 को लिया गया था। इसकी नींव 26 मई 2002 को रखी गई थी।