निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में जुटा यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की मेहनत का यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में दिखा असर

सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की कड़ी मेहनत का असर है कि आज यमुना प्राधिकरण प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरण बन गया है। जिस तरह से इनवेस्टर्स समिट में निवेश को लेकर एमओयू साइन हुए हैं उससे यह बात साबित होता है कि भविष्य में यमुना सिटी उत्तर प्रदेश का औद्योगिक और व्यवसायिक राजधानी बनकर उभरेगा।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। लखनऊ में हुए यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में औद्योगिक निवेश को लेकर एमओयू का रिकार्ड बनाने के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गया है। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की कड़ी मेहनत का असर है कि आज यमुना प्राधिकरण प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरण बन गया है। जिस तरह से इनवेस्टर्स समिट में निवेश को लेकर एमओयू साइन हुए हैं उससे यह बात साबित होता है कि भविष्य में यमुना सिटी उत्तर प्रदेश का औद्योगिक और व्यवसायिक राजधानी बनकर उभरेगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेशक करने वाले सभी निवेशक नये हैैं और यहां नया उद्योग लगाएंगे। प्रदेश के अन्य प्राधिकरणों ने जो एमओयू साइन किये हैं उसमें एक बड़ी हिस्सेदारी ऐसे निवेशकों की है जिन्होंने पहले से उस क्षेत्र में उद्योग स्थापित कर रखा है और वह इकाई का विस्तार कर रहे हैं। ऐसे में नये उद्योग के मुकाबले यहां पर रोजगार के अवसर कम बढ़ेंगे। लेकिन यमुना प्राधिकरण में सभी कंपनियां नया उद्योग स्थापित करेंगी। नया उद्योग स्थापित होने से रोजगार के अवसर भी अधिक होंगे। ऐसे में यमुना सिटी रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में भी प्रदेश में काफी आगे रहेगा। यमुना प्राधिकरण ने इनवेस्टर्स समिट में 1.26 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू किया है। इससे 3.87 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। सबसे अधिक अल्ट्रा मेगा श्रेणी में 75220 करोड़ के एमओयू किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इनवेस्टर समिट अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए खूब प्रयास किए गए। विदेशों और देश के बड़े शहरों में रोड शो किए गए। इसका नतीजा यह रहा कि यमुना प्राधिकरण अपने लक्ष्य से कहीं आगे निकल गया। प्राधिकरण ने 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू किया है। एमओयू करने वालों में अमेरिका, डेनमार्क, स्वीडन, यूके आदि की कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने जमीन आवंटन के बाद औद्योगिक इकाई लगाने की बात कही है। कंपनियों ने मेडिकल डिवाइस पार्क, लॉजिस्टिक पार्क में रुचि दिखाई है। आॅटो मोबाइल क्षेत्र की कंपनियां भी आई हैं। करार करने वाली कंपनी जेबीएम कंपनी यहां पर बस, आॅटो आदि बनाएगी। 2 बीई एजुकेट प्रालि कंपनी इलेक्ट्रिक टू, थ्री और फोर व्हीलर वाहन बनाएगी। निशिकेन क्वालिटी इवैल्युवेशन सेंटर टेक्निकल टेक्सटाइल कंपनी है। यरो स्फेयर इंडिया कंपनी खून जमा देने वाली डिवाइस बनाती है। एयान शिपिंग कंपनी लॉजिस्टिक में निवेश करेगी।
अब इन एमओयू को धरातल पर उतारने की बारी है। यमुना प्राधिकरण ने भी 1.26 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर किए गए एमओयू को धरातल पर उतारने में जुट गया है। इन प्रस्तावों पर पांच सालों में अमल किया जाना है। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण ने इस साल 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को पूरा करने का लक्ष्य है। इन प्रस्तावों पर एमओयू करने वाली कंपनियों से सारी प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने पहले से निवेश सेल बनाई हुई है। इसके प्रभारी ओएसडी शैलेंद्र भाटिया हैं। अब यह सेल इन निवेश प्रस्तावों पर काम करेगी।
किस श्रेणी में कितने एमओयू हुए
श्रेणी एमओयू करोड़ में एमओयू प्रतिशत में
अल्ट्रा मेगा 75220 42
सुपर मेगा 26972 29
मेगा 15332 16
लार्ज 2885 7
योजनाओं की तिथि 28 तक बढ़ाई
यमुना प्राधिकरण ने संस्थागत, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क और डाटा पार्क की योजना की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। पहले यह तिथि 14 फरवरी थी। अब इन योजनाओं में 28 फरवरी तक आवेदन किया जा सकेगा। प्राधिकरण ने होटल भूखंड की योजना को बंद कर दिया। इसकी तय समय पर नीलामी होगी। प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि योजनाएं जारी रहने से ही निवेशकों को आवेदन करने का मौका मिलेगा।