छह फिट की दूरी और मास्क जरूरी

जिला प्रशासन के परामर्श से खोल सकते हैं शोध महाविद्यालय

विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने रूहेलखंड विश्व विद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षण कार्य को लेकर दिए दिशा निर्देश

उदय भूमि ब्यूरो
अश्वनी शर्मा, बरेली। कोराना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव ने यूपी के सभी विश्व विद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य से संबंधित दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसी क्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्व विद्यालय और इससे संबद्ध महाविद्यालयों पर भी शासनादेश लागू किए जा रहे हैं। विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन योगेंद्र दत्त त्रिपाठी द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार शोध महाविद्यालय तथा परास्नातक के छात्र छात्राएं जिनको विज्ञान एवं तकनीकि विधाओं में प्रयोगशाला संबंधी कार्य की जरूरत है, को 15 अक्टूबर 2020 से खोलने की अनुमति के दिशा निर्देश दिए गये हैं। इनमें केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित उच्च शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख स्वयं आंकलन करेंगे कि उनके संस्थान में शोध करने वाले विद्यार्थी एवं विज्ञान एवं तकनीकी विधाओं के परा स्नातक छात्रों को प्रयोगशाला संबंधी कार्य की आवश्यकता हो, तो संस्थान के प्रबंधन द्वारा जिला प्रशासन से परामर्श लें। विश्व विद्यालय कुल सचिव डा. सुनीता पांडे ने बताया है कि विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन के आदेश के अनुसार विश्व विद्यालय परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों को शासनादेश जारी कर दिए गये हैं। समय समय पर विश्व विद्यालय परिसर और महाविद्यालयों में जाकर कोराना महामारी को लेकर जारी शासनादेश के अनुपालन की जांच भी कराई जाती रहेगी।
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-विश्व विद्यालय परिसर में 6 फीट की शारीरिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
-अनिवार्य रुप से फेस कबर/मास्क का उपयोग भी अनिवार्य है।
-हाथों के बार बार गंदे ना होने के बाद भी साबुन से हाथ धोना और सैनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य है।
-परिसर में थूकना सख्त वर्जित होना चाहिए। टिशू रुमाल के साथ खांसने या छींकने के दौरान इस्तेमाल किए गये टिशू को डिसपोजल करने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
-सभी को आरोग्य सेतु का नियमित उपयोग करना है।
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संस्था खोलने से पहले-
-कंटेंमेंट जोन में रहने वाले शिक्षक व कर्मचारी या छात्र को संस्थान में आने की अनुमति नहीं होगी।
-संस्था में गतिविधि शुरू करने से पहले ट्रेनिंग इंसटीट्यूट, पीएचडी कोर्स तथा स्नातकोत्तर अध्ययन।जिसमें छात्रावास, प्रयोगशालाएं तथा अन्य उपयोगी क्षेत्रों को विशेष रूप से ध्यान रखते हुए 1त्न सोडियम हाइपोक्लोराइड से सैनिटाइज कराया जाए।
-संस्थान में स्विमिंग पूल बंद रहेंगे।
-संस्थान में राज्य हैल्पलाइन नंबर व स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर प्रदर्शित किए जाएं।
-परिसर में अंदर बाहर आने जाने के लिए कतार का प्रयोग हो, और 6 फीट की दूरी भी रहे।
-जब तक छात्र कोराना महामारी से मुक्त रहेंगे तब तक लाकर का उयोग करते रहेंगे।
गतिविधियों की योजना व निर्धारण-
-शिक्षण और प्रशिक्षण कार्य के लिए दिनवार व समयवार का निर्धारण संस्था द्वारा किया जा सकता है।
-वृद्ध कर्मचारी, गर्भवती महिला और गंभीर रूप से रोगी कर्मचारियों को छात्रों के साथ सीधे संपर्क वाले कार्य से दूर रखें।
-संस्थान में रोग ग्रस्त आदमी के आक्सीजन स्तर की जांच के लिए पल्स आक्सीमीटर की व्यवस्था होनी चाहिए।
-कबर किए डस्टविन और कचरे का डिब्बा उपलब्ध होना चाहिए।