संविधान ने महिलाओं को दिए पुरुषों के समान अधिकार

उदय भूमि ब्यूरो
बरेली। महिलाओं का शोषण करने में पुरुषों से महिलाएं कम नहीं हैं। महिलाओं के शोषण में कहीं न कहीं खुद महिलाएं भी शामिल होती हैं। अगर हम यह बंद कर दें तो हमारा कोई शोषण नहीं कर सकेगा। इसमें स्वावलंबन की भी बड़ी भूमिका है। इसे अपनाए बिना महिलाओं का सशक्तिकरण बेमानी है। एसआरएमएस मेडिकल कालेज में शनिवार से महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता कार्यक्रम आरंभ हुआ। पहले दिन जिला कमांडेंट होमगार्ड प्रीति शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति हुईं। उन्होंने वैदिक काल से लेकर अब तक की महिलाओं की स्थित का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले की महिलाएं गार्गी और अपाला की तरह विदुषी भी थीं और आर्थिक रूप से मजबूत भी। परिवार पर भी उनका प्रभाव था। लेकिन जैसे जैसे समाज पितृसत्तात्मक होता गया और महिलाएं ही महिलाओं का शोषण करने लगीं, स्थिति बिगड़ती चली गई। आज महिलाएं पुरुषों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रही हैं। ऐसे में स्थिति की भयावहता समझी जा सकती है। लेकिन इसका जिम्मेदार कोई दूसरा नहीं हम खुद हैं। हमने ही अपनी स्थिति को खराब कर लिया है। अगर महिलाएं खुद महिलाओं पर अत्याचार बंद कर दें और मां के रूप में अपने बच्चों को ही महिलाओं के सम्मान का संस्कार देना शुरू करें। तो आने वाले समय में बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि हम जन्मजात सक्षम हैं। हमें समाज में देवी का दर्जा प्राप्त है। हर शक्ति की अधिष्ठाता देवी ही है। फिर क्यों हमें अपनी ताकत का अहसास नहीं है। हमें खुद को सक्षम साबित करना होगा। इसके लिए अपने अधिकारों की जानकारी लेनी होगी। लेकिन इसके साथ कर्तव्यों का भी निर्वहन जरूरी है। संविधान में हमें पुरुषों के समान अधिकार ही दिए गए हैं। समाज में हमारी भूमिका मां, बहन और पत्नी की है। अगर हम अपनी भूमिका को सही से निभा लें तो परिवार संस्कारवान बन जाएगा। इसी से समाज और राष्ट्र का निर्माण होने से यह भी मजबूत होंगे और महिलाओं की स्थिति भी सुधर जाएगी। जब महिलाएं ठान लेंगी उनके खिलाफ अपराध रुक जाएंगे। बस इसके लिए स्वालंबन जरूरी है। आत्मनिर्भर होना जरूरी है। नवरात्र के पहले दिन हम सब महिलाओं तो प्रेरणा लेनी चाहिए। शक्ति और बुद्धि को अपनाना चाहिए। इस मौके पर एसआरएमएस आईएमएस के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल डा. एसबी गुप्ता, डा.बिन्दू गर्ग, डा. सुजाता, डा.मिलन जायसवाल, डा.हुमा खान, एसआरएमएस मेडिकल कालेज की एमबीबीएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल की छात्राएं मौजूद रहीं।