ढाई दशक बीते: बस अड्डा से नहीं हुआ बसों का संचालन

-नगर की जनता डीएम से लेकर सीएम तक लगा चुकी गुहार
-मायूसी के सिवा कुछ नहीं लगा हाथ

अनिल तोमर (उदय भूमि ब्यूरो) 
पिलखुआ।
पिलखुआ की जनता की सुविधा के लिए ढाई दशक पूर्व जिस बस अड्डा परिसर का निर्माण किया गया था। आज तक उस बस अड्डा से बसों का संचालन नहीं  हुआ है। सरकार आई चली गई। फिर सरकारें आई,फिर चली गई। अधिशासी अधिकारी आए चले गए। लेकिन नगरवासियों का भला नहीं हुआ। जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र दिए सब रद्दी की टोकरी में गए। जनता सहित नगर के उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नगर कांग्रेस कमेटी सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने डीएम से लेकर सीएम तक इस बस अड्डा से बसों के संचालन की मांग की। लेकिन ढाई दशक बीत जाने के बाद भी अभी तक इस बस अड्डा से बसों का संचालन नहीं हो पाया।  गत 31 जुलाई को एक बार फिर पिलखुआ नगर पालिका के 22 सभासदों ने संयुक्त रुप से नगर की जनता के आह्वान पर अधिशासी अधिकारी तथा एआरएम हापुड़ को इस बस अड्डा से बसों के संचालन की मांग की।तथा ज्ञापन सौंपा। सभासद सुशील तोमर के नेतृत्व में दीपेश माहेश्वरी, राकेश शर्मा, मानसी मित्तल ,कविता रानी, लोकेश कुमार, अमरीन बानो, इस्लाम मलिक, संजीव शर्मा, चेतन राणा, कट्टो सुनीता देवी तथा प्रदीप कुमार सहित 22 सभासदों ने ज्ञापन सौंपा लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के इन सभासदों की मेहनत भी अभी कोई रंग नहीं लाई है। आखिर पब्लिक अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से भी मायूस दिखी। नगर में चर्चा का विषय है कि आखिर बस अड्डा परिसर तैयार है। बिल्डिंग तैयार है। तो फिर कौन सी सुप्रीम पावर का इंतजार है। जिससे बस अड्डा से बस चलाने की हरी झंडी मिल सकेगी। लोग शहर के बीचो-बीच बने बस स्टैंड से यातायात सुविधा ले सकेंगे। नगर वासियों का कहना है कि इस बस अड्डा से बसों का संचालन हो जाए तो पिलखुआ के कई स्थानों के अतिक्रमण व जाम पर भी लगाम लग जाएगी। अधिशासी अधिकारी विकास कुमार कहते है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए  सभासदों  के ज्ञापन के संदर्भ में क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश परिवहन को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। की वह अपने स्तर से बस अड्डा परिसर में विद्युत आपूर्ति लेकर बस अड्डा हेतु उपयोग में ला सकते है।